AAP नेता संजय सिंह के सहयोगियों के घर पर ईडी की छापेमारी, सांसद ने वीडियो जारी कर केंद्र सरकार पर बोला हमला
संजय सिंह ने कहा, मैंने मोदी सरकार की ईडी की तानाशाही को देश के सामने उजागर किया है. इस बात का सच सबके सामने रखा कि किस तरह से ईडी अपनी संस्था का दुरुपयोग करके अपनी ताकत का दुरुपयोग करके जबरदस्ती शराब घोटाले में लोगों को फंसा रही है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने आबकारी नीति से जुड़े मामले में दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता एवं सांसद संजय सिंह के दो सहयोगियों के परिसरों सहित 6 ठिकानों पर छापेमारी की. यह छापेमारी दिल्ली के विट्ठल भाई हाउस में की जा रही है.
संजय सिंह ने वीडियो शेयर कर केंद्र सरकार पर बोला हमला
आप सांसद संजय सिंह ने एक वीडियो मैसेज जारी कर बीजेपी और केंद्र सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा, मैंने मोदी सरकार की ईडी की तानाशाही को देश के सामने उजागर किया है. इस बात का सच सबके सामने रखा कि किस तरह से ईडी अपनी संस्था का दुरुपयोग करके अपनी ताकत का दुरुपयोग करके जबरदस्ती शराब घोटाले में लोगों को फंसा रही है. और मेरे खिलाफ उन्हें कोई सबूत नहीं मिला और उन्होंने इसके लिए गलती भी मान ली. अब मेरे सहयोगियों के घर पर छापेमारी कर रही है. आज सुबह पता चला कि मेरे सहयोगियों के घर पर छापेमारी की गयी है. मैं ईडी को बताना चाहता हूं, किसी भी तरह से न डरेंगे और झुकेंगे.
#WATCH | Aam Aadmi Party MP Sanjay Singh alleges ED raids are being conducted at the premises of his colleagues Ajit Tyagi and Sarvesh Mishra. pic.twitter.com/P2BICTr45D
— ANI (@ANI) May 24, 2023
ईडी का हो रहा दुरुपयोग : संजय सिंह
संजय सिंह ने वीडियो मैसेज में कहा, केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ईडी का दुरुपयोग कर रही है. उन्होंने कहा, अगर मुझे केंद्र की तानाशाही और गुंडागर्दी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट या फिर हाईकोर्ट भी जाना पड़े, तो मैं पीछे नहीं हटूंगा. जब मेरे खिलाफ आपको कुछ नहीं मिला, तो मेरे सहयोगियों अजीत त्यागी और सर्वेश मिश्रा के खिलाफ छापेमारी कर रही है.
क्या है मामला
मामला अब रद्द की जा चुकी दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण एवं कार्यान्वयन में कथित भ्रष्टाचार से जुड़ा है. दिल्ली के उपराज्यपाल ने मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की सिफारिश की थी. इसके बाद ईडी ने भी पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया था. ईडी और सीबीआई का आरोप है कि दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 के तहत शराब व्यापारियों को लाइसेंस देने के लिए गुटबंदी की गई और कुछ कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने इसके लिए कथित तौर पर रिश्वत दी थी. हालांकि, ‘आप’ ने इन आरोपों का खंडन किया है.