मनी लॉंड्रिंग केस : तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री और उनके सांसद बेटे के घर ED का छापा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में सोमवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता और तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी तथा उनके बेटे एवं सांसद गौतम सिगमनी के परिसरों पर छापेमारी की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी.
ED Raid In Tamil Nadu : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धन शोधन मामले में सोमवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता और तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी तथा उनके बेटे एवं सांसद गौतम सिगमनी के परिसरों पर छापेमारी की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि राजधानी चेन्नई के अलावा विलुपुरम में पोनमुडी और सिगमनी से जुड़े परिसरों पर तलाशी ली जा रही है. धन शोधन का यह मामला उस समय (2007 से 2011 तक) बरती गई कथित अनियमितताओं से जुड़ा है, जब पोनमुडी तमिलनाडु के खनन मंत्री थे. उन पर खदान लाइसेंस शर्तों के उल्लंघन के आरोप लगे थे. इससे सरकारी खजाने को लगभग 28 करोड़ रुपये का नुकसान होने का दावा किया गया था.
#WATCH | Enforcement Directorate (ED) officials search Tamil Nadu Higher Education Minister K Ponmudi's residence in Villupuram district. Details awaited. pic.twitter.com/H9bLkYPk7F
— ANI (@ANI) July 17, 2023
परिवहन मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की
ईडी ने हाल ही में वरिष्ठ द्रमुक नेता और तमिलनाडु के परिवहन मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ भी इसी तरह की कार्रवाई की थी. द्रमुक ने पोनमुडी और सिगमनी के खिलाफ छापेमारी को ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ करार दिया है. ईडी ने यह छापेमारी उस दिन की है, जब द्रमुक अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन बेंगलुरु में कांग्रेस द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं. हालांकि, ईडी की कार्रवाई के संबंध में आधिकारिक जानकारी अभी तक नहीं आई है.
Also Read: VIDEO: भोपाल से दिल्ली जा रही वंदे भारत ट्रेन में लगी आग, यात्रियों के बीच मची अफरा-तफरीद्रमुक प्रवक्ता ने कहा – यह राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई
द्रमुक प्रवक्ता ए सरवनन ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह राजनीतिक प्रतिशोध की कार्रवाई है और इसका उद्देश्य द्रमुक के संकल्प को तोड़ना है.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि गुटखा घोटाले जैसे भ्रष्टाचार के मामलों में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) के नेताओं के खिलाफ केंद्रीय अधिकारियों की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है. सरवनन ने दावा किया कि मुख्यमंत्री स्टालिन के नेतृत्व में द्रमुक भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है और ईडी की कार्रवाई का उद्देश्य पार्टी को ‘डराना’ है.
Also Read: केदारनाथ मंदिर में मोबाइल फोन पर बैन, कपड़ों को लेकर भी बने नए नियम, पढ़ें डिटेलविपक्ष को बांटने के लिए हो रही ईडी की कार्रवाई, सभी दल एकजुट : खरगे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा धन शोधन मामले में तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी के परिसरों पर छापेमारी किये जाने की निंदा करते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि यह सब डराने-धमकाने और विपक्षी दलों को बांटने के लिए किया जा रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि विपक्षी दल डरने वाले नहीं हैं और वे भारतीय जनता पार्टी की इस प्रतिशोध की राजनीति के खिलाफ एकजुट हैं.
”ईडी की छापेमारी की हम निंदा करते हैं”
खरगे ने ट्वीट किया, “विपक्ष की महत्वपूर्ण बैठक से ठीक पहले तमिलनाडु के शिक्षा मंत्री डॉ. के. पोनमुडी के खिलाफ ईडी की छापेमारी की हम निंदा करते हैं.” उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष को डराने और बांटने के लिए इस तरह की कार्रवाई मोदी सरकार की ‘चिरपरिचित पटकथा’ बन गई है. खरगे ने कहा, “हैरानी की बात यह है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को अचानक वैचारिक रूप से विरोधी पार्टियों का गठबंधन बनाने की जरूरत महसूस हुई है.”
”सरकार की प्रतिशोध की राजनीति के खिलाफ एकजुट हैं”
उन्होंने कहा, “सभी समान विचारधारा वाले दल मोदी सरकार की प्रतिशोध की राजनीति के खिलाफ एकजुट हैं और लोकतंत्र को कुचलने की इन कायरतापूर्ण तरकीबों से हम बिल्कुल नहीं डरेंगे.” प्रवर्तन निदेशालय ने धन शोधन मामले में सोमवार को द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के नेता और तमिलनाडु के उच्च शिक्षा मंत्री के पोनमुडी तथा उनके बेटे एवं सांसद गौतम सिगमनी के परिसरों पर छापेमारी की. आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि राजधानी चेन्नई के अलावा विल्लुपुरम में भी पोनमुडी और सिगमनी से जुड़े परिसरों पर तलाशी ली जा रही है.
14 जून को तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ छापेमारी
साथ ही बता दें कि ईडी ने बीते महीने 14 जून को तमिलनाडु के बिजली, उत्पाद शुल्क और निषेध मंत्री सेंथिल बालाजी के खिलाफ छापेमारी की थी. हालांकि, इसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने इस कार्रवाई को “अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ भाजपा की पिछले दरवाजे की रणनीति” कहा था. साथ ही कई अन्य विपक्षी दलों की ओर से इस छापेमारी अभियान को गलत कहा गया था.