जो इंजीनियर नहीं बनना चाहते उनके लिए 11वीं और 12वीं में प्रायोगिक गणित का विकल्प
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने उन छात्रों के लिये उच्च माध्यमिक स्तर पर एक ऐच्छिक विषय के रूप में ‘प्रायोगिक' पेश किया है, जो आगे चल कर इंजीनियरिंग जैसी पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं और जिसके लिये इस विषय की व्यापक समझ की जरूरत होती है.
नयी दिल्ली : केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने उन छात्रों के लिये उच्च माध्यमिक स्तर पर एक ऐच्छिक विषय के रूप में ‘प्रायोगिक’ पेश किया है, जो आगे चल कर इंजीनियरिंग जैसी पढ़ाई नहीं करना चाहते हैं और जिसके लिये इस विषय की व्यापक समझ की जरूरत होती है.
उल्लेखनीय है कि इससे पहले सीबीएसई ने 10 वीं कक्षा के लिये गणित विषय के दो स्तर (लेवल) पेश किये थे.ऐच्छिक (इलेक्टिव) विषय का लक्ष्य गणित एवं सांख्यिकी की बुनियादी समझ और वाणिज्य एवं सामाजिक विज्ञान के क्षेत्र में उनके उपयोग के ज्ञान का विकास करना है.
इसे 2020 के अकादमिक सत्र से 11 वीं कक्षा के छात्रों के लिये ऐच्छिक विषय के तौर पर पेश किया जाएगा.जिन छात्रों ने 10 वीं कक्षा में ‘बेसिक मैथमेटिक्स’ लिया था, उन्हें उच्च माध्यमिक स्तर पर ‘प्रायोगिक’ रखने की इजाजत मिलेगी.
सीबीएसई ने एक आधिकारिक अधिसूचना में कहा है, ‘‘उच्चतर अध्ययन में–अर्थशास्त्र, वाणिज्य, सामाजिक विज्ञान और कई अन्य क्षेत्रों में गणित का व्यापक उपयोग होता है.यह पाया गया है कि गणित का मौजूदा पाठ्यक्रम विज्ञान विषयों के अनुरूप है जबकि यह विश्वविद्यालयी शिक्षा में वाणिज्य या सामाजिक विज्ञान आधारित विषयों के ज्यादा अनुरूप नहीं है.”
अधिसूचना में कहा गया है, ‘‘इसे ध्यान में रखते हुए उच्च माध्यमिक कक्षाओं में गणित पाठ्यक्रम में एक और ऐच्छिक पाठ्यक्रम पेश किया जाएगा जिसका लक्ष्य छात्रों को गणित का प्रासंगिक अनुभव प्रदान करना है जिसका उपयोग भौतिक विज्ञान से इतर क्षेत्रों में किया जा सकता है.
” सीबीएसई अधिकारियों के मुताबिक इस नाम का एक पाठ्यक्रम पहले एक कौशल विषय के रूप में तैयार किया गया था. हालांकि अब तैयार किये गये अकादमिक पाठ्यक्रम में कई चीजें जोड़ी गई हैं .बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि ‘अप्लाइड मैथमेटिक्स’ विषय व्यावहारिक प्रकृति का होगा.