अरबी शेख का वेश धारण कर शशि थरूर ने कहा- ईद मुबारक, लिखा- 1441H, क्या है इसका मतलब?
eid mubarak 2020 : लॉकडाउन के बंदिशों बीच देश आज ईद मना रहा है. इस मौके पर पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने देशवासियों को ईद की बधाई दी है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर अरबी शेख के वेश में ट्विटर पर एक फोटो शेयर की है. इसमें उन्होंने लिखा- अरब दुनिया में मौजूद मेरे दोस्तों को ईद मुबारक. अंत में लिखा- 1441H.आखिर इसका मतलब क्या होता है?
लॉकडाउन के बंदिशों बीच देश आज ईद मना रहा है. इस मौके पर पीएम मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और राहुल गांधी सहित कई नेताओं ने देशवासियों को ईद की बधाई दी है. कांग्रेस सांसद शशि थरूर अरबी शेख के वेश में ट्विटर पर एक फोटो शेयर की है. इसमें उन्होंने लिखा- अरब दुनिया में मौजूद मेरे दोस्तों को ईद मुबारक. अंत में लिखा- 1441H.आखिर इसका मतलब क्या होता है. अगर आप भी यही सोच रहे हैं तो हम बताते हैं.
Also Read: Eid Mubarak 2020 : आज मनाई जा रही ईद, जानिए कौन सा संदेश भेजकर दे सकते हैं मुबारकबाद
शशि थरूर अक्सर जब ट्विटर पर कुछ लिखते हैं तो उस पर चर्चा शुरू हो जाती है. इस बार भी ऐसा ही हुआ. उन्होंने ईद की मुबारकबाद देते हुए हैशटैग में EidMubarak1441H लिखा, जिसके बाद चर्चा शरू हो गयी कि ऐसा क्यूं लिखा गया है.साथ ही ये ट्विटर पर ट्रेंड भी करने लगा.
And for my friends in the Arab world…! #EidMubarak1441H pic.twitter.com/uC8SvLaTcS
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) May 24, 2020
दरअसल, 1441एच का मतलब इस्लामिक कैलेंडर से है. एच का मतलब हिजरी से है. जो इस्लामिक कैलेंडर में वर्ष के लिए प्रयोग में लिया जाता है. और 1441 वर्ष है. इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, पहला वर्ष 622 एडी है जब पैगबंर मुहम्मद और उनके अनुयायी मक्का से मदीना जाकर पहली बार मुस्लिम समाज (उम्माह) की स्थापना की थी. इस कार्यक्रम को हिजरा के तौर पर जाना जाता है कैलेंडर में इसे हिजरी कहा जाता है. हिजरी कैलेंडर के मुताबिक, ये साल 1441 है. इसी कारण लोग ईद की मुबारकबाद के साथ 1441 एच का प्रयोग कर रहे हैं.
ईद इस बार काफी खास
ईद-उल-फितर मुस्लिम समुदाय के लिए सबसे बड़ा त्योहार है, जो रमज़ान के महीने के पूरा होने पर मनाया जाता है. ईद-उल-फितर का त्योहार रमज़ान के 29 या 30 रोजे रखने के बाद चांद देखकर मनाया जाता है.सऊदी अरब, यूएई समेत तमाम खाड़ी देशों में 30 रोजे पूरे होने के बाद चांद देखकर 24 मई को ईद मनाई गई. जबकि भारत में 24 मई को ईद का चांद दिखाई दिया. जिसके बाद 25 मई को ईद का त्योहार मनाया जा रहा है.
ईद इस बार काफी खास है, क्योंकि ये कई तरह की चुनौतियां लेकर आई हैं जिसका हर कोई पालन कर रहा है. लॉकडाउन की वजह से मस्जिदें बंद हैं, ऐसे में हर कोई घर पर ही नमाज पढ़ रहा है. हाथ मिलाना या गले मिलने से भी बैर है, यही कारण है कि लोग दूर से ही ईद की बधाई दे रहे हैं. इतना ही नहीं, लॉकडाउन के कारण बाजारों में भी कई तरह की बंदिशें लगी हुई हैं. इसलिए बाजारों में पहले की तरह कोई भीड़-भाड़ नहीं दिख रही है और हर कोई सोशल डिस्टेंसिंग के पालन का संदेश दे रहा है.