Election: हरियाणा के उम्मीदवारों के नाम पर लगेगी मुहर

केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले जातीय और सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों के नाम पर विचार किए जाने की संभावना है. हरियाणा चुनाव को लेकर भाजपा को उम्मीद है कि कांग्रेस में गुटबाजी से पार्टी को फायदा होगा.

By Vinay Tiwari | August 29, 2024 5:09 PM
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Election: हरियाणा में तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के लिए भाजपा कोई-कसर नहीं छोड़ना चाहती है. हरियाणा चुनाव को लेकर गुरुवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर एक मैराथन बैठक का आयोजन किया गया. इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह, संगठन महामंत्री बीएल संतोष, चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान, सह प्रभारी बिप्लव देब, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के अलावा प्रदेश अध्यक्ष और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहे. इस बैठक में पार्टी उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा के अलावा विपक्षी दलों की चुनौती से निपटने की रणनीति पर विचार किया गया. गुरुवार की शाम केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगने की संभावना है. केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से पहले जातीय और सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवारों के नाम पर विचार किए जाने की संभावना है. हरियाणा चुनाव को लेकर भाजपा को उम्मीद है कि कांग्रेस में गुटबाजी से पार्टी को फायदा होगा. ऐसे में पार्टी एकजुट होकर चुनाव मैदान में उतरेगी और केंद्र और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं के आधार पर चुनाव मैदान में उतरेगी.

हर वर्ग को साधने की कवायद में पार्टी

हरियाणा में जाट मतदाता काफी प्रभावी है. किसान आंदोलन के कारण जाट मतदाता भाजपा से नाराज बताए जा रहे हैं और उनकी नाराजगी का खामियाजा पार्टी को लोकसभा चुनाव में उठाना पड़ा है. ऐसे में पार्टी ने लोकसभा चुनाव के तत्काल बाद कांग्रेस की प्रमुख जाट नेता किरण चौधरी को पार्टी में शामिल कराया और उन्हें राज्यसभा में भेजकर यह संदेश दिया कि वह जाट समुदाय की भावनाओं का आदर करती है. यही नहीं पार्टी की ओर से चुनाव में अन्य प्रभावशाली जाट नेताओं को चुनाव में उतारने की तैयारी है. साथ ही जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल के साथ भी समझौते की बातचीत अंतिम दौर में है. साथ ही पार्टी ने जाट बहुल इलाकों में दूसरे राज्यों के प्रमुख जाट नेताओं की तैनाती करने का फैसला लिया है. इसके अलावा भाजपा गैर जाट मतदाताओं को साधने के लिए कई कदम उठाए है. मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के जरिये पार्टी पिछड़े वर्ग को साधने की कोशिश में है. 

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