Election Commission: फर्जी बयानों से चुनाव प्रक्रिया हो रही है प्रभावित

प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, लेकिन यह अपने साथ साइबर सुरक्षा के खतरों और गलत सूचना जैसी चुनौतियां भी लाती है. ईएमबी को इन तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए कारगर रणनीति बनाने की जरूरत है, ताकि जोखिमों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके.

By Anjani Kumar Singh | January 23, 2025 8:00 PM
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Election Commission: फर्जी बयान चुनाव प्रक्रिया में बाधा ही उत्पन्न नहीं करता, बल्कि ऐसे बयानों से चुनाव प्रक्रिया प्रभावित भी होती है. यह सिर्फ भारत के चुनाव आयोग का मंतव्य नहीं है, बल्कि 13 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों(ईएमबी) और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधियों ने माना है कि चुनाव में फर्जी बयान को रोका जाना चाहिए. चुनाव आयोग द्वारा दो दिवसीय सम्मेलन ‘वैश्विक चुनाव वर्ष 2024: लोकतांत्रिक स्थानों की पुनरावृत्ति, ईएमबी के लिए सीख’ विषय पर सम्मेलन का आयोजन भारत और अन्य देशों में 2024 में चुनाव कराने में ईएमबी के विविध अनुभवों के आधार पर किया जा रहा है. सम्मेलन के पहले दिन के सत्र में चुनाव प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और चुनाव प्रबंधन पर उनका प्रभाव, समावेशी और सुलभ चुनावों के लिए चुनावी समानता को बढ़ावा देना तथा क्षमता निर्माण, प्रशिक्षण और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के महत्व पर चर्चा हुई.

फर्जी बयानों  के प्रति सावधानी बरतने की जरूरत

भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि चुनौतियों और जटिलताओं के बीच लोकतांत्रिक मूल्यों की पुष्टि के लिए 2024 ईएमबी के लिए एक निर्णायक वर्ष था. उन्होंने दक्षता, पारदर्शिता और मतदाता विश्वास बढ़ाने में प्रौद्योगिकी और डिजिटल नवाचारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए कहा कि प्रौद्योगिकी महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करती है, लेकिन यह अपने साथ साइबर सुरक्षा खतरों और गलत सूचना जैसी चुनौतियां भी लाती है. उन्होंने ईएमबी से इन तकनीकी चुनौतियों से निपटने के लिए रणनीतियों को कारगर बनाने का आग्रह किया ताकि जोखिमों से प्रभावी ढंग से निपटा जा सके. 

चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास को खत्म करने वाले फर्जी आख्यानों के प्रति सावधानी बरतते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे फर्जी आख्यान आमतौर पर चुनाव प्रक्रिया के महत्वपूर्ण मोड़ पर उसके महत्वपूर्ण पहलुओं को निशाना बनाने के लिए गढ़े जाते हैं. राजीव कुमार ने ऐतिहासिक आम चुनावों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत के पिछले लोकसभा चुनावों में 647 मिलियन मतदाताओं ने हिस्सा लिया तथा दस लाख से अधिक मतदान केन्द्रों पर मतदान हुआ. ये चुनाव अधिक समावेशी थे तथा इनमें विशेष रूप से महिलाओं, 85 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों, दिव्यांग व्यक्तियों तथा थर्ड जेंडर के लोगों की अधिक भागीदारी रही.

अन्य देशों के प्रतिनिधि ने भी अपने विचार को किया साझा

उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, मॉरीशस, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान के चुनाव प्रबंधन निकायों ने 2024 के अपने चुनावी अनुभवों को साझा किया और लाइव चुनावों में चुनावी अखंडता को प्रभावित करने वाले सोशल मीडिया पर गलत सूचना, भ्रामक सूचना और फर्जी आख्यानों के बारे में अपनी चिंताएं प्रकट कीं. मॉरीशस के सीईसी श्री अब्दुल रहमान ने भी ईएमबी में मतदाताओं के विश्वास को कम करने के लिए फर्जी खबरों के खतरों से अवगत कराया. चुनाव कर्मचारियों की भर्ती के लिए फर्जी ऑनलाइन आवेदनों के एक विशेष मामले पर प्रकाश डालते हुए रहमान ने चुनावों के दौरान गलत सूचना और भ्रामक सूचना के खतरे को बढ़ाने में प्रौद्योगिकी और सोशल मीडिया के उपयोग पर चिंता व्यक्त की.


नामीबिया के चुनाव आयोग के एक प्रतिनिधि ने फर्जी खबरों के बढ़ते चलन पर चिंता व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों से निपटने के लिए सुझाव मांगे. इंडोनेशिया के आम चुनाव आयोग के आयुक्त इदान होलिक ने गलत सूचनाओं से निपटने के लिए एक समर्पित व्हाट्सएप चैनल के उपयोग पर अपने अनुभवों को साझा किया. वहीं भूटान के मुख्य चुनाव आयुक्त दाशो सोनम तापगे ने ‘‘चुनाव प्रबंधन में प्रौद्योगिकी की भूमिका-अवसर और चुनौतियां’’ विषय पर बोलते हुए ईवीएम उपलब्ध कराने के लिए भारत को धन्यवाद दिया और भूटान के चुनाव में ईवीएम के इस्तेमाल के बाद से आई प्रक्रिया दक्षता की सराहना की.

13 देशों के प्रतिनिधि ले रहे हैं भाग

 
सम्मेलन में ईएमबी के प्रमुख और उप प्रमुख भाग ले रहे हैं जिनमें मॉरीशस के चुनाव आयुक्त अब्दुल रहमान मोहम्मद इरफान, भूटान के सीईसी दाशो सोनम तापगे, कजाकिस्तान गणराज्य के अध्यक्ष और सीईसी नूरलान अब्दिरोव, नेपाल के सीईसी दिनेश के. थापलिया, नामीबिया के चुनाव आयोग की अध्यक्ष एल्सी नघीकेम्बुआ, इंडोनेशिया के आम चुनाव आयोग के आयुक्त इधम होलिक, रूसी संघ की एल्मीरा खैमुरज़िना, श्रीलंका की अनुसूया शानमुगनाथन, ट्यूनीशिया की नजला अब्रूगुई और उजबेकिस्तान के बखरोम कुचकारोव भाग ले रहे हैं.

इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के प्रतिनिधि जैसे इंटरनेशनल फाउंडेशन फॉर इलेक्टोरल सिस्टम्स (आईएफईएस) के अध्यक्ष और सीईओ एंथनी नाथन बानबरी और ए-वेब और इंटरनेशनल आईडीईए के महासचिव इन-सिक-जंग भी सम्‍मेलन में भाग ले रहे हैं. साथ ही इस सम्मेलन में भूटान, जॉर्जिया, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, श्रीलंका, इंडोनेशिया, कजाकिस्तान, आयरलैंड, मॉरीशस, फिलीपींस, रूसी संघ, ट्यूनीशिया और नेपाल सहित 13 देशों के चुनाव प्रबंधन निकायों (ईएमबी) के लगभग 30 प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं.

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