Assembly election 2022: पांच राज्यों में होने वाले चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान पहले ही हो चुका है. वहीं, शुक्रवार को भारत निर्वाचन आयोग ने गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश विधानसभाओं चुनावों के लिए तैनात किए जाने वाले पर्यवेक्षकों के लिए एक ब्रीफिंग का आयोजन किया. दरअसल चुनाव आयोग चुनाव के दौरान किसी भी तरह की धांधली से बचने और कोरोना प्रोटोकॉल के तहत चुनाव कराने की तैयारियों में जुटा है. इसी के तहत आज 1400 से भी अधिक पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की गई. बैठक में मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा मौजूद रहें.
आपको बता दें कि चुनाव कार्यक्रमों की घोषणा के साथ ही आयोग की तरफ से हर बार पर्यवेक्षकों को उनकी जिम्मेदारियों रूबरू कराया जाता है. चुनाव आयोग आईएएस, आईपीएस, आईआरएस और विभिन्न लेखा सेवाओं के अधिकारियों को पर्यवेक्षक के तौर पर तैयार करता है. बैठक में निर्वाचन आयोग के वरिष्ठ अधिकारी चुनाव से जुड़े हर पहलूओं के बारे में पर्यवेक्षकों को जानकारी देते हैं. वहीं, आज बैठक के दौरान CEC सुशील चंद्रा ने सभी पर्यवेक्षकों को प्रवर्तन एजेंसियों के साथ समन्वय में काम करने और स्वतंत्र, निष्पक्ष, पारदर्शी और सुरक्षित चुनाव सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिए हैं.
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बता दें कि इस बार कोरोना महामारी की वजह से चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए सख्त नियमों का ऐलान किया है. 15 जनवरी तक किसी भी तरह की रैलियों और जनसभाओं पर पाबंदी लगा दी गई है. राजनीतिक पार्टियों को वर्चुअल रैलियों के आयोजन का आदेश दिया गया है. इसके अलावा ऑनलाइन नामाकंन की भी सुविधा दी गई है. वहीं, प्रत्याशियों के लिए ऑनलाइन नॉमिनेशन की सुविधा देने के लिए ऐप तैयार किया गया है.CIVIGIL ऐप के जरिए उम्मीदवार अपनी शिकायत या कोई भी समस्या को दर्ज करा सकते हैं. आपको बता दें कि पांचों राज्यो में चुनाव की अलग-अलग तारीखें घोषित की गई हैं. 10 फरवरी से मतदान शुरू होगा. सभी राज्यों में 10 मार्च को मतगणना होगी.