चुनावी कार्य में बच्चे के किसी भी रूप में इस्तेमाल पर चुनाव आयोग ने रोक लगा दिया है. इस आदेश के बाद राजनीतिक पार्टियां अब बच्चे से चुनावी कार्य नहीं करा पाएंगे. भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव संबंधी किसी भी गतिविधि में बच्चों के इस्तेमाल को लेकर सख्त निर्देश जारी किया है.
न रैलियों और न ही पोस्टर…चुनाव में नहीं दिखेंगे बच्चे
लोकसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने सोमवार को राजनीतिक दलों से कहा कि वे पोस्टर एवं पर्चों सहित प्रचार की किसी भी सामग्री में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी रूप में न करें. राजनीतिक दलों को भेजे परामर्श में निर्वाचन आयोग ने दलों और उम्मीदवारों द्वारा चुनावी प्रक्रिया के दौरान किसी भी तरीके से बच्चों का इस्तेमाल किए जाने के प्रति अपनी कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति से अवगत कराया.
Election Commission of India has issued strict directives regarding use of children in any election-related activities. Political parties have been advised not to use children in election campaigns in any form whatsoever including distribution of posters/pamphlets or to… pic.twitter.com/aEiFWwzZpE
— ANI (@ANI) February 5, 2024
रैलियों के दौरान बच्चों को गोद में भी नहीं उठा पाएंगे राजनेता
चुनाव आयोग ने गाइडलाइन में कहा कि नेताओं और उम्मीदवारों को प्रचार गतिविधियों में बच्चों का इस्तेमाल किसी भी तरीके से नहीं करना चाहिए, चाहे वे बच्चे को गोद में उठा रहे हों या वाहन में या फिर रैलियों में बच्चे को ले जाना हों.
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कविता, गीत, बोले गए शब्द, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रतीक चिह्न में भी नजर नहीं आएंगे बच्चे
आयोग ने एक बयान में कहा, किसी भी तरीके से राजनीतिक प्रचार अभियान चलाने के लिए बच्चों के इस्तेमाल पर भी यह प्रतिबंध लागू है, जिसमें कविता, गीत, बोले गए शब्द, राजनीतिक दल या उम्मीदवार के प्रतीक चिह्न का प्रदर्शन शामिल है.
इस रूप में बच्चे की मौजूदगी पर रोक नहीं
आयोग ने कहा कि लेकिन यदि कोई नेता जो किसी भी राजनीतिक दल की चुनाव प्रचार गतिविधि में शामिल नहीं है और कोई बच्चा अपने माता-पिता या अभिभावक के साथ उसके समीप केवल मौजूद होता है तो इस परिस्थिति में यह दिशानिर्देशों का उल्लंघन नहीं माना जाएगा. मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने निर्वाचन आयोग के प्रमुख हितधारकों के रूप में राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर लगातार जोर दिया है. उन्होंने खासकर, आगामी संसदीय चुनावों के मद्देनजर लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने में उनसे सक्रिय भागीदार बनने का आग्रह किया है.