23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

प्रियंका गांधी और हिमंत बिस्वा को चुनाव आयोग ने भेजा शो-कॉज, जानें क्या है पूरा मामला

निर्वाचन आयोग (ECI) ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को गुरुवार को कारण बताओ नोटिस भेजा है. जानें क्या है पूरा मामला

प्रियंका गांधी और हिमंत बिस्वा : निर्वाचन आयोग (ईसी) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंदिर दर्शन यात्रा से संबंधित “लिफाफा” टिप्पणी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को गुरुवार को कारण बताओ नोटिस भेजा है. आयोग ने प्रियंका गांधी से 30 अक्टूबर की शाम तक नोटिस का जवाब देने को कहा है. भाजपा ने प्रियंका गांधी के खिलाफ शिकायत दी थी, जिसके एक दिन बाद आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बुधवार को, प्रियंका गांधी पर राजस्थान में चुनाव प्रचार के दौरान झूठे दावे करने के लिए ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निजी धार्मिक आस्था का उल्लेख करने का आरोप लगाया था और निर्वाचन आयोग से उनके खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया था.

भाजपा ने अपनी शिकायत में क्या कहा?

भाजपा ने अपनी शिकायत में कहा है कि प्रियंका गांधी ने 20 अक्टूबर को दौसा में एक जनसभा में कहा था कि उन्होंने टीवी पर देखा कि जब प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक मंदिर में दिए गए दान का एक लिफाफा खोला गया तो उसमें केवल 21 रुपये थे. इसके बाद उन्होंने भाजपा पर राजनीतिक हमला करते हुए कहा कि भाजपा जनता को ‘लिफाफे’ दिखाती है लेकिन चुनाव के बाद उनमें कुछ नहीं मिलता. भाजपा ने अपनी शिकायत में उनकी टिप्पणी का एक वीडियो भी शामिल किया है.

क्या है हिमंत बिस्वा सरमा का मामला ?

निर्वाचन आयोग (ईसी) ने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान पिछले सप्ताह राज्य के इकलौते मुस्लिम मंत्री मोहम्मद अकबर को निशाना बनाकर की गई टिप्पणियों के लिए असम के मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता हिमंत बिस्वा सरमा को गुरुवार को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी किया. आयोग ने सरमा को 30 अक्टूबर को शाम पांच बजे तक नोटिस का जवाब देने के लिए कहा है.

शिकायत दर्ज कराने के एक दिन बाद नोटिस

कांग्रेस ने हिमंत बिस्वा सरमा के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके एक दिन बाद आयोग ने यह नोटिस भेजा है. हिमंत बिस्वा सरमा ने 18 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ के कवर्धा में अपने भाषण के दौरान अकबर पर निशाना साधते हुए कहा था, “यदि अकबर को नहीं हटाया गया तो माता कौशल्या की भूमि अपवित्र हो जाएगी.” उन्होंने कहा था, “एक अकबर कहीं आता है तो 100 अकबर बुलाता है. अत: जितनी जल्दी हो सके उसे विदा करो, अन्यथा माता कौशल्या की भूमि अपवित्र हो जायेगी.” माना जाता है कि भगवान राम की मां कौशल्या आधुनिक समय के छत्तीसगढ़ की रहने वाली थीं.

Also Read: राजस्थान चुनाव : कांग्रेस की तीसरी सूची जारी, भाजपा से निष्कासित विधायक का नाम भी है शामिल, देखें लिस्ट

हिमंत बिस्वा सरमा ने धर्मांतरण समेत कई मुद्दों को लेकर छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार पर भी हमला बोला था. उन्होंने कहा था, “आज छत्तीसगढ़ के हमारे प्रिय आदिवासियों को आए दिन धर्म परिवर्तन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है. और जब कोई इसके खिलाफ आवाज उठाता है तो भूपेश बघेल जी कहते हैं ‘हम धर्मनिरपेक्ष हैं’. क्या हिंदुओं को पीटना आपकी धर्मनिरपेक्षता है? यह देश हिंदुओं का देश है और हिंदुओं का रहेगा. हमें धर्मनिरपेक्षता मत सिखाइए, हमें आपसे धर्मनिरपेक्षता सीखने की जरूरत नहीं है.”

कांग्रेस ने कवर्धा से अपने उम्मीदवार अकबर के खिलाफ टिप्पणी के लिए बुधवार को हिमंत विश्व सरमा के विरुद्ध निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. पार्टी ने आरोप लगाया कि सरमा के बयान में समाज के वर्गों को एक-दूसरे के खिलाफ भड़काने की स्पष्ट मंशा थी. निर्वाचन आयोग ने उन्हें नोटिस जारी करते हुए चुनाव आचार संहिता के एक प्रावधान की याद दिलाई है, जिसमें कहा गया है, “कोई भी पार्टी या उम्मीदवार किसी भी ऐसी गतिविधि में शामिल नहीं होगा जो मौजूदा मतभेदों को बढ़ा सकती हो, आपसी नफरत पैदा कर सकती हो, या विभिन्न जातियों व समुदायों, धर्मों या भाषाओं के आधार पर तनाव पैदा कर सकती हो.” छत्तीसगढ़ की 90-सदस्यीय विधानसभा के चुनाव के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें