निर्वाचन आयोग (Election Commission of India) ने राजनीतिक दलों के नकदी चंदे को लेकर केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव दिया है. निर्वाचन आयोग के अपने प्रस्ताव में बताया है कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले नकद चंदे की अधिकतम सीमा 20 हजार रुपये से घटाकर दो हजार रुपये की जाए. सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी. आयोग के अनुसार, सभी दलों को कुल चंदे में नकद की सीमा अधिकतम 20 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपये तक सीमित की जाए ताकि चुनावी चंदे को कालेधन से मुक्त किया जा सके.
CEC Rajiv Kumar writes to law ministry to cap cash donation to political parties
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— ANI Digital (@ani_digital) September 20, 2022
सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने केंद्रीय विधि मंत्री किरेन रीजीजू को पत्र लिखकर जन प्रतिनिधित्व कानून में कुछ संशोधन की अनुशंसा की है. उन्होंने कहा कि आयोग की सिफारिशों का मकसद राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे की व्यवस्था में सुधार एवं पारदर्शिता लाना है. आयोग की ओर से यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब हाल ही में उसने 284 ऐसे दलों को पंजीकृत सूची से हटा दिया था जो नियमों की अनुपालना नहीं कर रहे थे. वहीं, आयकर विभाग ने हाल ही में कर चोरी के आरोप में ऐसी कई राजनीतिक इकाइयों के ठिकानों पर छापे भी मारे थे.
सूत्रों का कहना है कि निर्वाचन आयोग ने इसकी पैरवी की है कि राजनीतिक दलों को एक बार में मिलने वाले नकद चंदे की अधिकतम सीमा को 20 हजार रुपये से घटाकर दो हजार रुपये किया जाए. मौजूदा नियमों के अनुसार, राजनीतिक दलों को 20 हजार रुपये से ऊपर वाले सभी चंदों का खुलासा करना होता है और आयोग के समक्ष इस बारे में रिपोर्ट देनी होती है. सूत्रों ने कहा कि अगर आयोग के इस प्रस्ताव को विधि मंत्रालय की स्वीकृति मिल जाती है तो 2000 रुपये से अधिक सभी चंदों के बारे में राजनीतिक दलों को जानकारी देनी होगी जिससे पारदर्शिता बढ़ेगी.
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आयोग ने यह सिफारिश भी की है कि किसी भी राजनीतिक दल को मिले कुल चंदे में नकद अधिकतम 20 प्रतिशत या 20 करोड़ रुपये होना चाहिए. निर्वाचन आयोग यह भी चाहता है कि चुनावों के दौरान उम्मीदवार चुनाव के लिए अलग से बैंक खात खोलें तथा सारा लेनदेन इसी खाते से हो तथा चुनावी खर्च के ब्यौरे में इसकी जानकारी भी दी जाए.
(भाषा- इनपुट)