Election 2022 Dates: उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर और गोवा की कुल 690 विधानसभा सीटों पर 7 चरणों में कोरोना नियमों का सख्ती से पालन कराते हुए मतदान कराये जायेंगे. पहले चरण की वोटिंग 10 फरवरी को होगी. सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में (10 फरवरी 2022, 14 फरवरी 2022, 20 फरवरी 2022, 23 फरवरी 2022, 27 फरवरी 2022, 3 मार्च 2022 और 7 मार्च 2022) मतदान कराये जायेंगे. पंजाब, उत्तराखंड और गोवा में 14 फरवरी 2022 को एक दिन वोटिंग करायी जायेगी.
मणिपुर में दो चरणों (27 फरवरी और 3 मार्च 2022) में वोटिंग होगी. सभी 5 राज्यों के चुनाव परिणाम 10 मार्च 2022 को आ जायेंगे. मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा ने शनिवार (8 जनवरी 2022) को नयी दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पांच राज्यों की 690 विधानसभा सीटों के लिए 18.34 करोड़ वोटर अपने मतदाधिकार का इस्तेमाल करेंगे. इसमें सर्विस वोटर भी शामिल हैं. चुनाव प्रक्रिया के दौरान कोरोना गाइडलाइंस का पूरी तरह से पालन करना सुनिश्चित किया जायेगा.
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क्रिटिकल पोलिंग स्टेशन की होगी वीडियोग्राफी
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1 लाख पोलिंग स्टेशन में से 60 फीसदी की वेबकास्टिंग होगी
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900 सेंट्रल ऑब्जर्वर नियुक्त किये जायेंगे
चुनाव आयोग ने इस बार एक घंटे ज्यादा मतदान कराने की अनुमति दी है. साथ ही कहा है कि इस बार हर मतदान केंद्र पर पिछले चुनावों की तुलना में इस बार कम वोटर मतदान करेंगे. इसलिए मतदान केंद्रों की संख्या बढ़ायी गयी है.
#WATCH Live: Election Commission of India announces Assembly polls schedule for Goa, Punjab, Manipur, Uttarakhand & Uttar Pradesh https://t.co/c9oDf6AdJd
— ANI (@ANI) January 8, 2022
बूथ बढ़े, मतदाता घटे
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2,15,368 मतदान केंद्र होंगे (16 फीसदी बढ़ाये गये)
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30,300 अधिक बूथ बनाये गये हैं इस बार पिछले चुनाव की तुलना में
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1500 से घटाकर मतदाताओं की संख्या 1250 की गयी. यानी एक बूथ पर इस बार अधिकतम 1250 वोटर कर पायेंगे मतदान
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चुनाव आयोग ने मीडिया को बताया कि पोलिंग बूथ, ऑफिसर और वोटर तीनों की सुरक्षा सबसे ज्यादा जरूरी है. चुनाव आयोग इसको सुनिश्चित करेगा. मतदान केंद्रों में सैनिटाइजेशन की व्यवस्था होगी. वोटिंग से पहले मतदान केंद्रों को सैनिटाइज किया जायेगा. कई अन्य गाइडलाइंस भी हैं, जो इस प्रकार हैं.
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15 जनवरी तक कोई रोड शो, पदयात्रा, साइकिल या बाइक रैली नहीं होगी
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कोई फिजिकल रैली नहीं होगी राजनीतिक पार्टियों की
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8 बजे रात से सुबह 8 बजे तक कोई पब्लिक मीटिंग या रैली नहीं होगी. इसे चुनाव आयोग ने ‘कैंपेन कर्फ्यू’ नाम दिया है
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कोई नुक्कड़ सभा नहीं होगी
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विजय रैली नहीं निकाली जायेगी. विजेता के साथ 2 से ज्यादा लोग सर्टिफिकेट लेने के लिए रिटर्निंग ऑफिसर के पास नहीं जा पायेंगे
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सभी राजनीतिक पार्टियां और उम्मीदवार वर्चुअल कैंपेन करें
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कोविड19 गाइडलाइन का पालन करके ही मीटिंग कर पायेंगे. एसडीएम की ओर से जारी आदेश के अनुसार ही करनी होगी मीटिंग
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मीटिंग के लिए मास्क और सैनिटाइजर का वितरण करना होगा गेट पर ही
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घर-घर प्रचार के लिए अधिकतम 5 लोग जा पायेंगे
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सभी पार्टियों के प्रत्याशियों को सुविधा ऐप पर शपथ पत्र देना होगा कि वे सभी कोरोना नियमों का पालन कर रहे हैं
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कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर होगी कड़ी कार्रवाई
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कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन हुआ, तो चुनाव आयोग राजनीतिक दलों की रैलियों को रद्द करने से पीछे नहीं हटेगा
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15 जनवरी तक कोई फिजिकल रैली नहीं होगी
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए कहा कि इस बार वर्चुअल रैली पर पार्टियों को जोर देना चाहिए. इसलिए उत्तर प्रदेश, पंजाब और उत्तराखंड में खर्च की सीमा बढ़ाकर 40 लाख रुपये कर दी गयी है. मणिपुर और गोवा में खर्च की सीमा 28 लाख रुपये कर दी गयी है. पहले खर्च की सीमा अधिकतम 25 लाख रुपये थी.
उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में वोटिंग होगी. पहले चरण की वोटिंग 10 फरवरी को होगी, जबकि दूसरे चरण की 14 फरवरी को, तीसरे चरण की वोटिंग 20 फरवरी को, चौथे चरण की वोटिंग 23 फरवरी को, पांचवें चरण की वोटिंग 27 फरवरी को, छठे चरण की वोटिंग 3 मार्च को और सातवें एवं अंतिम चरण की वोटिंग 7 मार्च को होगी.
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सभी मतदान पदाधिकारी डबल वैक्सीनेटेड होंगे
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स्वास्थ्य मंत्रालय से प्रीकॉशन डोज पर भी चुनाव आयोग ने की है चर्चा
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मतदान केंद्र पर सैनिटाइजेशन और मास्क की व्यवस्था करने के निर्देश दिये गये हैं
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गोवा में 95.8 फीसदी वैक्सीनेशन कम्प्लीट
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उत्तराखंड में 99.6 फीसदी को पहली खुराक और 83 फीसदी को दूसरी खुराक लग चुकी है
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उत्तर प्रदेश में 90 फीसदी और 52 फीसदी से अधिक
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पंजाब 82 फीसदी और 46 फीसदी
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मणिपुर 57 फीसदी और 43 फीसदी दूसरी डोज दी गयी है
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15 करोड़ लोगों को कम से कम एक डोज लग चुकी है, 9 करोड़ को दोनों डोज लग चुकी है
(आंकड़े 7 जनवरी 2022 तक के)
चुनावों में बड़े पैमाने पर आपराधिक छवि के लोगों को टिकट दिया जाता है. इस बार चुनाव आयोग ने कहा है कि ऐसे लोगों को विज्ञापन देकर यह बताना होगा कि उनके खिलाफ कौन-कौन से आपराधिक मामले दर्ज हैं. साथ ही पार्टियों के लिए भी मैंडेटरी कर दिया गया है कि उन्होंने कितने आपराधिक छवि के लोगों को टिकट दिया है. साथ ही यह भी बताना होगा कि पार्टी ने इस नेता का चुनाव क्यों किया.
चुनाव आयोग ने कहा है कि राजनीतिक पार्टियों को अपनी वेबसाइट के होम पेज पर ऐसे नेताओं के बारे में पूरी विस्तृत जानकारी डालनी होगी. उन्हें भी बताना होगा कि उनके खिलाफ कौन-कौन से आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिन्हें पार्टी न टिकट दिया है.
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चुनाव प्रचार के दौरान उम्मीदवारों को अपने ऊपर आपराधिक मामलों की जानकारी अखबार और टेलीविजन के जरिये कम से कम तीन बार देनी होगी
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राजनीतिक पार्टियों को भी अपनी वेबसाइट पर अपने उम्मीदवारों के आपराधिक केस के बारे में होम पेज पर जानकारी देनी होगी
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कैंडिडेट के सेलेक्शन के 48 घंटे के अंदर पार्टियों को यह जानकारी सार्वजनिक करनी होगी
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आम लोग अपने उम्मीदवार की आपराधिक छवि के बारे में चुनाव आयोग के ‘नो योर कैंडिडेट’ ऐप पर पूरी जानकारी ले सकेंगे
कोरोना महामारी के दौर में होने वाले इस चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने कई तैयारियां की हैं. इसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन यान इवीएम और वीवीपैट का इस्तेमाल शामिल हैं. साथ ही चुनाव में धांधली रोकने और राजनीतिक दलों को रैली की अनुमति देने की प्रक्रिया में बदलाव में तकनीक की मदद ली जायेगी, ताकि मैन-टू-मैन कॉन्टैक्ट से बचा जा सके. इस अवसर पर मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा के साथ चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय भी मौजूद थे.
आईटी टूल्स
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सुविधा ऐप (Suvidha App): सभी पार्टियां चुनाव प्रचार के लिए रैली स्थल की अनुमति के लिए आवेदन कर सकेंगी.
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सीविजिल ऐप (C-Vigil App) : जन भागीदारी के लिए लांच किया गया है. इस ऐप का इस्तेमाल कोई भी आम आदमी, वोटर कर सकेगा. चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन और वोटरों को लालच देने के किसी भी मामले का वीडियो इस पर अपलोड किया जा सकेगा. 100 मिनट के अंदर उस पर कार्रवाई होगी.
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पीडब्ल्यूडी ऐप (PWD App): के जरिये नि:शक्त लोग व्हील चेयर की मांग कर सकेंगे.
Posted By: Mithilesh Jha