Electoral Bonds Case: 2019-24 में कुल 22, 217 बॉन्ड खरीदे गए, EC को SBI ने भेजा डाटा

Electrol Bond Case: चुनावी बॉन्ड मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. मिली जानकारी के अनुसार, एसबीआई ने कोर्ट के आदेश के अनुसार, चुनावी बॉन्ड का सारा डाटा निर्वाचन आयोग को भेज दिया है. एसबीआई की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया है कि हमने निर्वाचन आयोग को कोर्ट के आदेशानुसार सारा ब्योरा उपलब्ध कर दिया है.

By Aditya kumar | March 18, 2024 4:23 PM

Electoral Bonds Case: चुनावी बॉन्ड मामले से जुड़ी एक बड़ी खबर निकलकर सामने आ रही है. मिली जानकारी के अनुसार, एसबीआई ने कोर्ट के आदेश के अनुसार, चुनावी बॉन्ड का सारा डाटा निर्वाचन आयोग को भेज दिया है. एसबीआई की तरफ से दिए गए बयान में कहा गया है कि हमने निर्वाचन आयोग को कोर्ट के आदेशानुसार सारा ब्योरा उपलब्ध कर दिया है. साथ ही एसबीआई ने इसका हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर दिया है. जानकारी देते हुए एसबीआई ने बताया है कि साल 2019 से 2024 तक कुल 22, 217 बॉन्ड खरीदे गए है और 22,030 बॉण्ड भुनाए गए.

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Electoral Bonds Case : चुनावी बॉण्ड की खरीद की तारीख, खरीदार के नाम आदि विवरण प्रस्तुत किए गए

शीर्ष अदालत में दायर एक अनुपालन हलफनामे में, एसबीआई ने कहा कि न्यायालय के निर्देश के अनुसार, उसने 12 मार्च को कामकाजी समय खत्म होने से पहले भारत निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड का विवरण उपलब्ध करा दिया. इसमें कहा गया है कि प्रत्येक चुनावी बॉण्ड की खरीद की तारीख, खरीदार के नाम और खरीदे गए बॉण्ड का मूल्य आदि विवरण प्रस्तुत किए गए हैं.

एसबीआई की याचिका को 11 मार्च को खारिज

एसबीआई के अध्यक्ष दिनेश कुमार खारा द्वारा दायर हलफनामे में कहा गया है कि बैंक ने निर्वाचन आयोग को चुनावी बॉण्ड को भुनाने की तारीख, चंदा प्राप्त करने वाले राजनीतिक दलों के नाम और बॉण्ड के मूल्य जैसे विवरण भी दिए हैं. प्रधान न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने उक्त जानकारी देने के लिए समय बढ़ाने का अनुरोध करने वाली एसबीआई की याचिका को 11 मार्च को खारिज कर दिया था और उसे 12 मार्च को कामकाजी समय समाप्त होने से पहले आयोग को चुनावी बॉन्ड का विवरण देने का आदेश दिया था.

15 मार्च तक प्रकाशित करनी होगी जानकारी

आदेश के मुताबिक, निर्वाचन आयोग को 15 मार्च शाम पांच बजे तक बैंक द्वारा साझा की गई जानकारी अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करनी होगी. उच्चतम न्यायालय ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना को रद्द कर दिया था और इसे ‘‘असंवैधानिक’’ करार देते हुए निर्वाचन आयोग को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था.

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