भोपाल में विमान की इमरजेंसी लैंडिंग की गयी है. जानकारी के अनुसार सोनिया और राहुल गांधी इस विमान में सवार थे. भोपाल पुलिस ने जानकारी दी है कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ले जा रहे विमान को खराब मौसम के कारण मध्य प्रदेश के भोपाल में आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी है.
कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी को ले जा रहे विमान की आपातकालीन लैंडिंग के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस के नेताओं ने भोपाल हवाई अड्डे पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात की.
#WATCH मध्य प्रदेश: कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी अपने विमान की आपातकालीन लैंडिंग के चलते भोपाल हवाई अड्डे पहुंचे। pic.twitter.com/bXtxXc5045
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 18, 2023
विपक्षी एकता की बैठक आज बेंगलुरु में हुई
आपको बता दें कि विपक्षी एकता की दूसरी बड़ी बैठक आज बेंगलुरु में हुई जिसमें 26 विपक्षी दल शामिल हुए थे. दो दिवसीय बैठक की अध्यक्षता कांग्रेस की ओर से की गयी थी. इस बैठक के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और सोनिया गांधी विमान के जरिए वापस दिल्ली लौट रहे थे. तभी मौसम खराब हो गया. इसके बाद राहुल गांधी और सोनिया गांधी की फ्लाइट भोपाल एयरपोर्ट पर लैंड कराने की जरूरत पड़ी.
रात 9:30 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे राहुल और सोनिया गांधी
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भोपाल में इस वक्त मौसम खराब है. कांग्रेस के दोनों नेता भोपाल एयरपोर्ट के वीआईपी लाउंज में मौसम ठीक होने का वेट कर रहे हैं. जो खबर सामने आ रही है उसके मुताबिक वे अब सामान्य इंडिगो की फ्लाइट से रात 9:30 बजे दिल्ली के लिए रवाना होंगे.
Madhya Pradesh Congress leaders meet Sonia Gandhi and Rahul Gandhi at Bhopal airport after the aircraft carrying the Gandhis made an emergency landing at the airport pic.twitter.com/cyHXGEZiOI
— ANI (@ANI) July 18, 2023
‘एनडीए’ को 2024 के चुनाव में चुनौती देगा विपक्ष का ‘इंडिया’
आपको बता दें कि विपक्ष के 26 दलों ने अगले लोकसभा चुनाव के लिए अपनी चुनावी बिसात बिछाने का आगाज करते हुए मंगलवार को ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ नाम से नये गठबंधन का ऐलान किया. उन्होंने कहा कि यह ‘इंडिया’ 2024 में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पराजित करेगा.
नये गठबंधन का नेता और चेहरा कौन होगा ?
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गठबंधन के इस नाम का उल्लेख किया और कहा कि अब लड़ाई ‘इंडिया और नरेंद्र मोदी’ के बीच है और यह बताने की जरूरत नहीं है कि जीत किसकी होगी. बेंगलुरु के एक फाइव स्टार होटल में दो दिवसीय बैठक में विपक्षी दलों ने गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ तय करने के साथ ही यह भी फैसला किया कि इसका (गठबंधन का) एक संयोजक होगा और 11 सदस्यीय समन्वय समिति होगी. इस नये गठबंधन का नेता और चेहरा कौन होगा, इसको लेकर फिलहाल तस्वीर साफ नहीं है, लेकिन विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने यह जरूर कहा कि कांग्रेस की सत्ता या प्रधानमंत्री पद में कोई दिलचस्पी नहीं है.
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मुंबई में अगली बैठक
बैठक के बाद यह पूछे जाने पर कि विपक्षी गठबंधन का चेहरा कौन होगा, तो कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस गठबंधन के संयोजक और समन्वय समिति के सदस्यों का फैसला मुंबई में होने वाली अगली बैठक में किया जाएगा. विपक्षी दलों ने अपने गठबंधन का नाम तय करने के साथ ही यह संकल्प भी लिया कि वो देश के सामने एक वैकल्पिक राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक एजेंडा पेश करेंगे. विपक्ष की बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ने प्रेस कॉनफ्रेंस को संबोधित किया और कहा कि हमारे गठबंधन का नाम ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस (इंडिया)’ होगा. सभी ने एक स्वर में इस प्रस्ताव का समर्थन किया.
काग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने किया ट्वीट
गठबंधन का नाम ‘इंडिया’ रखने के कारण का उल्लेख करते हुए काग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 1 के अनुसार इंडिया, यानी भारत, राज्यों का एक संघ होगा. मंगलवार को बेंगलुरु में 26 राजनीतिक दलों द्वारा घोषित ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव एलायंस’ के पीछे यही भावना है. उन्होंने यह भी कहा कि सीट बंटवारे पर सभी नेताओं, समन्वय समिति के सदस्यों द्वारा परस्पर विचार-विमर्श किया जाएगा.
ये नेता थे बैठक में मौजूद
यहां चर्चा कर दें कि दूसरे दिन की बैठक में कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख एवं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, बिहार के मुख्यमंत्री एवं जनता दल (यू) के शीर्ष नेता नीतीश कुमार, द्रमुक नेता एवं तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता एवं झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, आम आदमी पार्टी के नेता एवं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और कुछ अन्य नेता इस बैठक में शामिल हुए.