नयी दिल्ली : एयर इंडिया एक्सप्रेस का विमान शुक्रवार रात भारी बारिश के बीच कोझिकोड हवाईअड्डे पर उतरने के दौरान हवाईपट्टी से फिसल गया और 35 फुट गहरी खाई में जा गिरा और उसके दो हिस्से हो गए. विमान में 190 लोग सवार थे. हादसे में 18 लोगों की मौत हो गयी और 149 लोगों की इलाज अब भी चल रही है. हादसे के दो दिन बीत चुके हैं, अब ऐसी-ऐसी कहानियां सामने आ रही हैं, जो भावुक कर देने वाली हैं.
विमान हादसे में अन्य 17 लोगों के साथ अपनी जान गंवाने वाले कैप्टन दीपक साठे की योजना शनिवार को मां की 84वीं सालगिरह पर अचानक नागपुर पहुंच कर उन्हें सरप्राइज देने की थी. उन्होंने आखिरी बार मार्च में अपने माता-पिता से मुलाकात की थी, लेकिन फोन के जरिये वह नियमित रूप से उनके संपर्क में रहते थे. उन्होंने दो दिन पहले ही फोन पर बात की थी. उन्होंने बताया, कैप्टन ने अपने कुछ रिश्तेदारों से कहा था कि अगर उड़ान उपलब्ध होगी तो वह मां के जन्मदिन पर नागपुर पहुंचकर उन्हें सरप्राइज देंगे.
केरल के कोझिकोड में हुई विमान दुर्घटना में जीवित बचे यात्रियों ने शनिवार को कहा कि यह सब पलक झपकते ही हो गया. उन्हें लगा था कि वे घर पहुंच गये, लेकिन विमान हवाईअड्डे पर फिसल गया और 35 गहरी खाई में जा गिरा.
यह ऐसी ही शादी है जो अब कभी नहीं होगी क्योंकि कोझिकोड के एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान हादसे ने दूल्हा बनने जा रहे एक युवक को मौत की नींद सुला दिया है. मुहम्मद रियास (24) ने अपने माता-पिता द्वारा शादी तय किये जाने के बाद शुक्रवार को अपने भाई के साथ यही उड़ान ली थी. रियास दुबई में अपने भाई निजामुद्दीन के साथ काम कर रहा था. एक ग्रामीण ने बताया कि रियास के परिवार ने इसी माह बाद में उसकी सगाई तय कर रखी थी. उसकी, कोविड-19 पृथक-वास आवश्यक अवधि पूरी होने के बाद यह रस्म होनी थी. करीब डेढ़ साल पहले दुबई जाने के बाद रियास पहली बार गांव आ रहा था लेकिन इस हादसे में उसकी जान चली गयी.
कोझिकोड विमान हादसे में मारे गए को-पायलट अखिलेश शर्मा के पिता तुलसीराम शर्मा अपने पूरे परिवार के साथ नन्हें मेहमान के आने की खुशखबरी का इंतजार कर रहे थे, लेकिन शुक्रवार की रात उन्हें अपने बड़े बेटे के मरने की खबर मिली. दरअसल केरल के हवाईअड्डे पर दुर्घटनाग्रस्त हुए एयर इंडिया एक्सप्रेस विमान के को-पायलट अखिलेश कुमार शर्मा की पत्नी मेघा नौ माह की गर्भवती हैं और कभी भी मां बन सकती हैं. बेटे की मौत खबर सुनकर तो जैसे बाप के आंखों से आंसू ही सूख गए हैं. श्रीकृष्ण जन्मस्थान के निकट गोविंद नगर ‘बी’ सेक्टर में अपने घर में बैठे शर्मा ने आगे कहा, कहां मैं पूरे परिवार के साथ मिलकर नन्हें मेहमान के आने, अपने दादा बनने का जश्न बनाना चाहता था, और अब अपने जवान बेटे की अर्थी उठानी पड़ेगी.
दुर्घटना में जीवित बचे कुछ यात्रियों को अब भी सदमे में हैं, अन्य लोग यह समझ नहीं पा रहे कि यह सब कैसे हो गया. कुछ लोग जान बचने का शुक्र मना रहे हैं. जैसे कि रामशाद. वह घायल हो गये लेकिन उनकी पत्नी सुफाइरा और चार साल की बेटी को कोई गंभीर चोट नहीं आई. कोझिकोड के पास वटकारा के रहने वाले रामशाद ने कहा, हमें विमान के जोर से कंपन करने के अलावा और कुछ महसूस नहीं हुआ. शुक्र है कि परिवार बच गया.
दुर्घटना में घायल होने पर यहां मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाजरत अशरफ ने कहा वह सदमे से अभी तक उभर नहीं पाये हैं. एक अन्य यात्री ने कहा, लोग आपातकाली दरवाजे से बारिश के बीच घने अंधेरे में बाहर कूदने लगे. उन्होंने बताया, जैसे ही विमान खाई में गिरा, आपातकालीन दरवाजा खुल गया और लोग जान बचाने के लिये बाहर कूदने लगे.
Posted By – Arbind Kumar Mishra