रूफटॉप सोलर पर 40 फीसदी तक अनुदान, जानें क्या है पूरी प्रक्रिया

विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह की पहल पर छतों पर सौर प्लांट स्थापना कार्यक्रम (रूफटॉप सोलर प्रोग्राम) के अंतर्गत आवासीय उपभोक्ताओं के लिए स्वयं या अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता के माध्यम से छत पर सौर प्लांट लगाने की सरल प्रक्रिया जारी की गई है.

By PankajKumar Pathak | February 3, 2022 5:28 PM

अगर आप भी सौर प्लांट स्थापना कार्यक्रम के तहत रूफटॉप सोलर लगवना चाहते हैं तो सरकार इसके लिए 40 फीसदी तक अनुदान दे रही है. विद्युत, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर के सिंह ने पहल की है. अब आवासीय उपभोक्ताओं के लिए स्वयं या अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता के माध्यम से छत पर सौर प्लांट लगाने की सरल प्रक्रिया जारी की गई है.

40 फीसदी और 10 किलोवाट तक के लिए 20 फीसदी

इस योजना के तहत सरकार 3 किलोवाट क्षमता तक की रूफ टॉप के लिए 40 फीसदी और 10 किलोवाट तक के लिए 20 फीसदी सब्सिडी प्रदान करती है. गत सप्ताह इस योजना की प्रगति की समीक्षा करते हुए श्री आर के सिंह ने रूफ टॉप योजना को सरल बनाने का निर्देश दिया था, जिससे इस तक अधिक से अधिक लोगों की पहुंच आसान हो सके.

सूचीबद्ध विक्रेता से ही रूफ टॉप लगवाना जरूरी नहीं

उन्होंने निद्रेश देते हुए कहा था कि अब से लाभार्थी को किसी भी सूचीबद्ध विक्रेता से ही रूफ टॉप लगवाना जरूरी नहीं होगा. इसकी जगह वे खुद भी रूफ टॉप लगा सकते हैं या अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता से इसे लगवा सकते हैं.

क्या है प्रक्रिया कैसे कर सकते हैं काम 

साथ ही डिस्कॉम (विद्युत वितरण कंपनी) को रूफ टॉप को लगाए जाने की सूचना सामग्री के रूप में पत्र/आवेदन के जरिए या निर्दिष्ट वेबसाइट पर दी जा सकती है, जिसे हर एक डिस्कॉम और भारत सरकार ने रूफ टॉप योजना के लिए शुरू किया है. वहीं, विद्युत वितरण कंपनी (डिस्कॉम) यह सुनिश्चित करेगी कि सूचना मिलने के 15 दिनों के भीतर नेट मीटरिंग उपलब्ध करा दी जाए. इन सभी निर्देशों पर अमल करते हुए नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने इस प्रक्रिया को सरलीकृत करते हुए बुधवार को नए नियमों कि घोषणा की है.

नई सरलीकृत प्रक्रिया इस प्रकार होगी

1. लाभार्थी से प्राप्त आवेदन पंजीकृत करने, उसकी स्वीकृति और प्रगति पर नज़र रखने के लिए एक राष्ट्रीय पोर्टल विकसित किया जाएगा. डिस्कॉम के स्तर पर समान प्रारूप में एक पोर्टल होगा और दोनों पोर्टलों को आपस में जोड़ा जाएगा.

2. नई व्यवस्था के अंतर्गत छत पर सौर प्लांट स्थापित करने का इच्छुक लाभार्थी  अब राष्ट्रीय  पोर्टल पर अपना आवेदन भेजेगा. लाभार्थी को अपने उस बैंक खाते के विवरण सहित आवश्यक जानकारी जमा करनी होगी जिस पर अनुदान  राशि हस्तांतरित की जाएगी  आवेदन के समय, लाभार्थी को पूरी प्रक्रिया और उस अनुदान  राशि के बारे में सूचित किया जाएगा जिसे आरटीएस प्लांट की स्थापना के लिए प्राप्त किया जा सकता है.

3. तकनीकी व्यवहार्यता अनुमोदन जारी करने के लिए आवेदन अगले 15 कार्य दिवसों के भीतर संबंधित डिस्कॉम को ऑनलाइन अग्रेषित किया जाएगा. आवेदन विद्युत वितरण कंपनी (डिस्कॉम) को हस्तांतरित किए जाने के बाद इसे डिस्कॉम पोर्टल पर भी प्रदर्शित किया जाएगा.

4. तकनीकी व्यवहार्यता प्राप्त करने के बाद, लाभार्थी डीसीआर की शर्तों को पूरा करने वाले सौर मॉड्यूल का चयन करके और मॉडल एवं निर्माताओं की स्वीकृत सूची (एएलएमएम)  और जेआईएस द्वारा प्रमाणित इनवर्टर को सूचीबद्ध करके अपनी पसंद के किसी भी विक्रेता से आरटीएस संयंत्र खरीदकर स्थापित करेगा.

पैनल में शामिल विक्रेताओं की सूची पोर्टल पर उपलब्ध कराई जाएगी. उपकरणों की गुणवत्ता और स्थापना के बाद की सेवाओं को सुनिश्चित करने के लिए, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय आरटीएस संयंत्र के लिए मानक और विनिर्देश एवं लाभार्थी तथा विक्रेता के बीच निष्पादित किए जाने वाले समझौते का एक प्रारूप जारी करेगा.

अन्य नियमों और शर्तों के साथ समझौते में यह सुनिश्चित करने का प्रावधान होगा कि छत पर स्थापित सौर प्लांकट सुरक्षा और प्रदर्शन के मानकों को पूरा करता है तथा विक्रेता समझौते की शर्तों के अनुसार अगले 5 वर्ष  या उससे अधिक अवधि के लिए प्लांट का रखरखाव करेगा.

5. लाभार्थी को एक निर्धारित अवधि के भीतर अपना प्लांट स्थापित करना होगा अन्यथा उसका आवेदन रद्द कर दिया जाएगा और उसे आरटीएस प्लां ट की स्थापना के लिए फिर से आवेदन करना होगा.

6. आरटीएस प्लांट स्थापित होने पर लाभार्थी राष्ट्रीय पोर्टल पर नेट-मीटरिंग के लिए आवेदन करेगा, जिसे संबंधित डिस्कॉम को ऑनलाइन अग्रेषित किया जाएगा. संबंधित डिस्कॉम या तो नेट-मीटर की खरीद और स्थापना करेगा अथवा वह लाभार्थी को निर्धारित विनिर्देशों के अनुसार नेट-मीटर की खरीद करने और डिस्कॉम अधिकृत प्रयोगशाला से उसका परीक्षण करने की सलाह देगा. डिस्कॉम का निर्णय पोर्टल पर डाला जाएगा.

7. नेट-मीटर लगाने के बाद डिस्कॉम अधिकारी राष्ट्रीय पोर्टल पर उसे शुरू करने और उसकी निरीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा जो डिस्कॉम पोर्टल पर भी दिखाई देगी.

8. निरीक्षण रिपोर्ट प्राप्त होने पर डिस्कॉम द्वारा अनुदान राशि सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में स्थानांतरित की जाएगी.

9. पूरी प्रक्रिया की निगरानी की जाएगी और इसके लिए शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया जाएगा.

क्या है सब्सिडी प्राप्त करने की प्रक्रिया 

लगभग छह से आठ सप्ताह में राष्ट्रीय पोर्टल विकसित हो जाएगा. राष्ट्रीय पोर्टल के शुरू होने तक, डिस्कॉम के माध्यम से रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापना के लिए सब्सिडी प्राप्त करने की वर्तमान प्रक्रिया चलती रहेगी और यह नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय से अनुदान प्राप्त करने की एकमात्र अधिकृत प्रक्रिया होगी. राष्ट्रीय पोर्टल स्थापित होने के बाद लाभार्थी के पास किसी भी उपलब्ध विकल्प का लाभ उठाते हुए छत पर स्थापित सौर प्लांुट स्थापित करने का विकल्प होगा.

कौन सी है आधिकारिक वेबसाइट 

आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे वेबसाइटों / सोशल मीडिया पर प्रकाशित होने वाली किसी भी ऐसी भ्रामक / झूठी सूचना पर विश्वास न करें जो विशेष रूप से रूफटॉप सोलर प्लांट की स्थापना के लिए भारत सरकार से अनुदान राशि (सब्सिडी) प्राप्त करने के लिए पंजीकरण शुल्क या अन्य किसी भुगतान के लिए कहती हो. इस संबंध में प्रामाणिक जानकारी मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट www.mnre.gov.in या स्पिन पोर्टल www.solarrooftop.gov.in पर उपलब्ध कराई जाएगी .

Next Article

Exit mobile version