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मनी लॉन्ड्रिंग में फंसे डॉ नरेश त्रेहान, मेदांता हॉस्पिटल के लिए जमीन खरीदने में घालमेल का ईडी ने लगाया है आरोप

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देश के प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ कार्डियोलॉजिस्ट और मेदांता मेडिसिटी अस्पताल के प्रबंधन निदेशक नरेश त्रेहान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. ईडी ने उनके और 15 अन्य लोगों के खिलाफ प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट दर्ज की है. आरोपियों में कुछ निजी कंपनियां और सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 10, 2020 7:19 PM
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नयी दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने देश के प्रसिद्ध हृदयरोग विशेषज्ञ कार्डियोलॉजिस्ट और मेदांता मेडिसिटी अस्पताल के प्रबंधन निदेशक नरेश त्रेहान के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है. ईडी ने उनके और 15 अन्य लोगों के खिलाफ प्रवर्तन मामले की सूचना रिपोर्ट दर्ज की है. आरोपियों में कुछ निजी कंपनियां और सरकारी अधिकारी भी शामिल हैं. ईडी के अधिकारियों ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया कि डॉ त्रेहान पर हरियाणा के गुड़गांव में मेदांता अस्पताल के लिए भूमि आवंटन के संबंध में पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया गया है.

वहीं, पुलिस के अधिकारियों ने कहा कि गुड़गांव के सेक्टर 38 में एक ‘मेडिसिटी’ के लिए 53 एकड़ जमीन आवंटन में कथित अनियमितता को लेकर स्थानीय अतिरिक्त सत्र अदालत के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है. इसके लिए 2004 में स्थानीय लोगों को वहां से हटाया गया था. यह मामला सदर पुलिस स्टेशन में शुक्रवार को दर्ज किया गया था और प्राथमिकी में आरोपियों पर धनशोधन निवारण अधिनियम और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा, भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत भी मामला दर्ज किया गया है.

समाचार एजेंसी भाषा के अनुसार, प्राथमिकी में कहा गया है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी (आपराधिक साजिश), 406 (आपराधिक विश्वासघात), 463, 467,468 और 471 (सभी धाराएं दस्तावेजों और रिकॉर्ड से जालसाजी से संबंधित हैं) भी लगायी गयी है. मेदांता के एक प्रवक्ता ने उस वक्त कहा था कि यह शिकायत ऐसे व्यक्ति ने दर्ज करायी है, जो खुद को आरटीआई कार्यकर्ता बताते हैं. हालांकि, प्रेस में खबरें आयी हैं कि वसूली के लिए उनके खिलाफ मामले दर्ज हुए थे. इस शिकायत में लगाए गए सारे आरोप झूठे, निराधार और दुर्भावना से प्रेरित हैं.’ प्राथमिकी में और ‘‘जिन लोगों के नाम हैं वे सभी सरकारी अधिकारी हैं, जो अपराध में संलिप्त थे.

एसएएस इन्फोटेक, जीएल एशिया मॉरीशस, डनअर्न इनवेस्टमेंट (मॉरीशस), नरेश त्रेहान एंड एसोसिएट्स हेल्थ सर्विसेज, ग्लोबल इंफ्राकॉन, पुंज लॉयड, गुड़गांव में हरियाणा शहरी विकास निगम (हुडा) के मुख्य प्रशासक, इस्टेट ऑफिसर्स-दो हुडा और सामान्य स्वास्थ्य सेवा, हरियाणा के निदेशक का भी नाम है. प्राथमिकी के मुताबिक, गुड़गांव निवासी रमण शर्मा ने आरोप लगाया कि नियमों और नीतियों का उल्लंघन कर और सरकारी सेवकों की साठगांठ से ‘मेडिसिटी प्रोजेक्ट’ के लिए जमीन त्रेहान, सुनील सचदेवा, अतुल पुंज और अनंत जैन को आवंटित की गयी.

शिकायतकर्ता ने कहा है कि हरियाणा सरकार ने भूमि अधिग्रहण कानून 1984 के प्रावधानों के तहत सार्वजनिक उद्देश्य से 2004 में उस इलाके से वहां के स्थानीय लोगों को बेदखल कर दिया, जिसे अब सेक्टर 38 कहा जाता है. इसके बाद राज्य सरकार ने हुडा के जरिये ‘मेडिसिटी प्रोजेक्ट’ के लिए विज्ञापन निकाला.

इसमें कहा गया था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर का एक सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, शैक्षिक चिकित्सा संस्थान और चिकित्सा तथा अनुसंधान से जुड़े अन्य संस्थान बनाए जाएंगे. इसके साथ ही, एक शॉपिंग मॉल और यात्री निवास भी बनाए जाएंगे. शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया कि त्रेहान, सचदेवा, पुंज और जैन को लाभ पहुंचाने के लिए आरोपी सरकारी अधिकारियों ने विभिन्न चरणों में योग्यता, नियम-शर्तों को ताक पर रख दिया.

Posted By : Vishwat Sen

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