Loading election data...

ईडी की पूछताछ के बाद बोले फारुक अब्दुल्ला-चाहे मैं जिंदा रहूं या नहीं, आर्टिकल 370 को बहाल करने की लड़ाई जारी रहेगी

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ( J&K former CM Farooq Abdullah) ने कहा कि इस तरह की पूछताछ वर्षों से चल रही है, इसमें कुछ भी नया नहीं है. मैं कुछ भी कहना नहीं चाहता हूं. कोर्ट तय करेगा कि उसे क्या करना है. मैं डरा हुआ नहीं हूं. हमें लंबा रास्ता तय करना है. एक लंबी राजनीतिक लड़ाई है जो जारी रहेगी चाहे फारुक अब्दुल्ला जीवित रहे या नहीं. हमारी लड़ाई आर्टिकल 370 ( Article 370 )को पुनर्बहाल करने को लेकर है, चाहे मैं फांसी पर चढ़ा दिया जाऊं, तब भी यह जंग जारी रहेगी.

By Agency | October 19, 2020 6:44 PM

श्रीनगर : जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला ने कहा कि इस तरह की पूछताछ वर्षों से चल रही है, इसमें कुछ भी नया नहीं है. मैं कुछ भी कहना नहीं चाहता हूं. कोर्ट तय करेगा कि उसे क्या करना है. मैं डरा हुआ नहीं हूं. हमें लंबा रास्ता तय करना है. एक लंबी राजनीतिक लड़ाई है जो जारी रहेगी चाहे फारुक अब्दुल्ला जीवित रहे या नहीं. हमारी लड़ाई आर्टिकल 370 को पुनर्बहाल करने को लेकर है, चाहे मैं फांसी पर चढ़ा दिया जाऊं, तब भी यह जंग जारी रहेगी.

उक्त बातें आज फारुक अब्दुल्ला ने प्रवर्तन निदेशालय की पूछताछ के बाद कही. ईडी ने फारुक अब्दुल्ला से 43 करोड़ रुपये के गबन मामले में पूछताछ की . यह मामला उस वक्त का है जब वे जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसियेएशन के अध्यक्ष थे. इधर नेशनल कांफ्रेंस ने फारुख अब्दुल्ला से पूछताछ पर भाजपा पर जमकर निशाना साधा.

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने सोमवार को कहा कि पार्टी अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला से राजनीतिक लड़ाई में भाजपा विफल रही है और इस वजह से वह, उन्हें निशाना बनाने के लिए अब सरकारी एजेंसियों का सहारा ले रही है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने यहां एक बयान में कहा, ‘‘ भाजपा फारूक अब्दुल्ला से राजनीतिक लड़ाई लड़ने में विफल रही है, इसलिए उसने अब सरकारी एजेंसियों को काम पर लगाया है.” पार्टी की यह प्रतिक्रिया प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लोकसभा सांसद फारूक अब्दुल्ला को तलब किए जाने के बाद आयी.

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर क्रिकेट संघ (जेकेसीए) के कोष में कथित गबन से संबंधित धन शोधन के एक मामले में सोमवार को जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला से पूछताछ की है. नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा कि अब्दुल्ला को ईडी द्वारा तलब किया जाना स्पष्ट तौर पर इस बात का परिणाम है कि वह जम्मू-कश्मीर की मुख्यधारा की पार्टियों के बीच ‘गुपकर घोषणा’ के तहत ‘पीपुल्स अलायंस’ बनाने सफल रहे.

बयान में कहा गया, ‘‘भाजपा की विचारधारा और उसकी विभाजनकारी नीतियों के विरोध की यह कीमत है। हाल का इतिहास इस बात का गवाह है कि कैसे भाजपा देश भर में विपक्षी पार्टियों के नेताओं को निशाना बनाने के लिए विभिन्न विभागों का इस्तेमाल करते हुए दबाव बनाती है और डराने की कोशिश करती है.”

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने कहा कि जांच एजेंसी द्वारा तलब किया जाने का समय बिल्कुल स्पष्ट इशारा देता है. पिछले साल भाजपा नीत सरकार द्वारा संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म किए जाने से कुछ समय पहले तलब किया गया था और इस बार गुपकर घोषणा के कुछ दिन के भीतर तलब किया गया है.

Also Read: इमरती देवी पर बयान देकर फंसे कमलनाथ, NCW ने मांगा स्पष्टीकरण, मामले को चुनाव आयोग के पास भेजा

बयान में कहा गया कि अब्दुल्ला अधिकारियों के साथ सहयोग करेंगे और यह कुछ नहीं बल्कि डराने की कोशिश है। पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया कि नेशनल कॉन्फ्रेंस जल्द ही ईडी के सम्मनों का जवाब देगी। उन्होंने ट्वीट किया, ”यह कुछ और नहीं बल्कि ‘गुपकर घोषणा’ के तहत ‘पीपुल्स अलायंस’ के गठन के बाद की जा रही प्रतिशोध की राजनीति है.”

वहीं पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय का सम्मन यह दर्शाता है कि भारत सरकार यहां मुख्यधारा के दलों के एक साथ आने से घबराई हुई है. उन्होंने इसे राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है. पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद लोन ने कहा कि यह राजनीतिक प्रतिशोध से प्रेरित है और भाजपा इससे जो हासिल करना चाहती है, उसे उसका विपरीत ही मिलेगा.

Next Article

Exit mobile version