तमिलनाडु में ईडी अधिकारी को रिश्वत लेते ‘रंगे हाथ’ पकड़ा गया
तमिलनाडु में ईडी अधिकारी को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया है. इसकी जानकारी न्यूज एजेंसी एएनआई ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर दी है. ईडी अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में हुई है. जानें पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारी को एक सरकारी कर्मचारी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया है जिसके बाद तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) हरकत में आ गया है. शनिवार को डीवीएसी के अधिकारी ईडी अधिकारी अंकित तिवारी से जुड़े मामले के संबंध में तलाशी लेने के बाद मदुरै में ईडी उप-जोनल कार्यालय से रवाना हुए जिसकी जानकारी न्यूज एजेंसी एएनआई ने दी है. अंकित तिवारी को डिंडीगुल में एक डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया था.
#WATCH तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (DVAC) के अधिकारी ED अधिकारी अंकित तिवारी से जुड़े मामले के संबंध में तलाशी लेने के बाद मदुरै में ED उप-जोनल कार्यालय से रवाना हुए, अंकित तिवारी को कल डिंडीगुल में एक डॉक्टर से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा गया… pic.twitter.com/hfloSDaeOx
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 2, 2023
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ईडी अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में हुई
ईडी अधिकारी को पकड़े जाने के संबंध में जानकारी सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय की ओर से दी गई है. डिंडीगुल में हिरासत में लिए जाने के बाद, डीवीएसी अधिकारियों के एक दल ने मदुरै में उप-क्षेत्र ईडी कार्यालय में ‘जांच’ की, इस दौरान राज्य पुलिसकर्मी केंद्र सरकार के कार्यालय के बाहर तैनात नजर आए. डीवीएसी की ओर से एक आधिकारिक विज्ञप्ति जारी की गई जिसमें गिरफ्तार अधिकारी की पहचान अंकित तिवारी के रूप में की गई है, जो केंद्र सरकार के मदुरै प्रवर्तन विभाग कार्यालय में प्रवर्तन अधिकारी के रूप में कार्यरत है.
ईडी के अन्य अधिकारियों की संलिप्तता की होगी जांच
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डीवीएसी की ओर से कहा गया है कि रिश्वत मामले में ईडी के अन्य अधिकारियों की संभावित संलिप्तता की जांच की जाएगी. इसके लिए पूछताछ की जाएगी. सतर्कता टीम के अधिकारी तिवारी के आवास और मदुरै में प्रवर्तन निदेशालय के कार्यालय की तलाशी लेने की खबर भी सामने आई है. अंकित तिवारी से जुड़े स्थानों की भी तलाशी ली जा रही है.
डीवीएसी की ओर से दावा किया गया है कि जब सरकारी कर्मचारी मदुरै गया, तो तिवारी ने मामले में कानूनी कार्रवाई से बचने के एवज में उससे पैसों की मांग की.