Environment: दुनिया मौसम में हो रहे बदलाव के कारण कई तरह की समस्याओं का सामना कर रही है. ऐसे में पर्यावरण संरक्षण मौजूदा समय की सबसे बड़ी जरूरत बन गया है. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान की शुरुआत की थी. इस कार्यक्रम का आयोजन केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं क्लाइमेट चेंज मंत्रालय राज्य सरकारों के सहयोग से कर रहा है. इस योजना के तहत सितंबर 2024 के अंत तक 80 करोड़ और मार्च 2025 तक 140 करोड़ पौधे लगाने का है.
देश में हरित क्षेत्र का दायरा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार राज्यों, केंद्र शासित प्रदेश के साथ सामाजिक और स्थानीय प्रशासन को भी सहभागी बना रही है. इस अभियान में विभिन्न स्तरों पर भागीदारी के कारण कई राज्यों में तय लक्ष्य से अधिक पेड़ लगाए जा चुके हैं. मौसम में बदलाव के कारण आम लोगों के जीवन के साथ कृषि पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है. मौसम चक्र में बदलाव के कारण कई तरह की प्राकृतिक आपदा आ रही है.
कई राज्यों में लक्ष्य से अधिक पेड़ लगाए गए
मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार अरुणाचल प्रदेश में 1.74 करोड़, असम में 3.17 करोड़, छत्तीसगढ़ में 2.04 करोड़, गुजरात में 15.5 करोड़, गोवा में 5.4 लाख, हरियाणा में 12.20 करोड़, राजस्थान में 5.5 करोड़, मध्य प्रदेश में 4.41 करोड़, पंजाब में 94 लाख, नागालैंड में 34.6 लाख, ओडिशा में 4.3 करोड़, तेलंगाना में 8.34 करोड़, उत्तर प्रदेश में 26.5 करोड़ पेड़ लगाए गये जो तय लक्ष्य से अधिक हैं. इसके अलावा बिहार में 1.46 करोड़, केरल में 11.8 लाख, महाराष्ट्र में 1.78 करोड़, सिक्किम में 12 लाख, उत्तराखंड में 82 लाख पेड़ लगाए गए. इन राज्यों का भी प्रदर्शन बेहतर रहा है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए सामाजिक सहभागिता पर विशेष जोर दिया गया है. लोगों को जागरूक करने के लिए मां के नाम पर पेड़ लगाने के लिए प्रोत्साहित किया गया है और इसका परिणाम साफ दिख रहा है.
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