जबरन वसूली मामला: मुंबई पुलिस की कस्टडी में भेजा गया सचिन वाजे, कोर्ट से 6 नवंबर तक मिली रिमांड
जबरन वसूली मामला: क्राइम ब्रांच ने उनकी दस दिनों की कस्टडी कोर्ट से मांगी. एस्प्लान्डे कोर्ट ने सचिन वाजे को 6 नवंबर तक के रिमांड पर भेज दिया है.
जबरन वसूली मामले में बर्खास्त पूर्व एपीआई सचिन वाजे को सोमवार को मजिस्ट्रेट कोर्ट में लाया गया. इस दौरान क्राइम ब्रांच ने उनकी दस दिनों की कस्टडी कोर्ट से मांगी. एस्प्लान्डे कोर्ट ने सचिन वाजे को 6 नवंबर तक के रिमांड पर भेज दिया है. मुंबई पुलिस बर्खास्त सचिन वाजे को मीडिया की भीड़ के सामने कोर्ट में पेश किया गया. इस दौरान पत्रकारों से सवाल करना चाहा. लेकिन, जवाब नहीं मिला.
इसके पहले मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के पास से विस्फोटक सामग्री से लैस कार मिलने के मामले में सचिन वाजे का नाम आया था. वहीं, कारोबारी मनसुख हिरेन की मौत का मामला सामने आया था. दोनों केस एक-दूसरे से जुड़े थे और सचिन वाजे पर शक गहरा गया था. बाद में एनआई ने सचिन वाजे को गिरफ्तार किया था. सचिन वाजे को पुलिस की सेवा से बर्खास्त किया गया था.
#UPDATE | Esplanade Court sends dismissed Mumbai Police officer Sachin Waze to Crime Branch custody till November 6th, in connection with an extortion case
— ANI (@ANI) November 1, 2021
24-25 फरवरी की रात दक्षिण मुंबई के पैडर रोड स्थित एंटीलिया के बाहर लावारिस हालत में खड़ी स्कॉर्पियो मिली थी. 25 फरवरी की दोपहर पुलिस ने कार से 20 जिलेटिन की छड़ें बरामद की थी. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच में तैनात सचिन वाजे ने अपने हाथ में ली. विवाद बढ़ने पर एनआई ने मामले की जांच का जिम्मा उठाया. पांच मार्च को स्कॉर्पियो के मालिक मनसुख हिरेन का शव बरामद हुआ.
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मनसुख हिरेन की मौत के बाद महाराष्ट्र एटीएस ने केस दर्ज करके जांच शुरू की. एनआईए ने 13 मार्च को सचिन वाजे को गिरफ्तार किया था. इसके बाद दोनों मामलों की जांच एनआई को सौंप दिया गया. इस मामले पर राजनीतिक गलियारों में भी खूब शोर-शराबा हुआ था. यहां तक कि विपक्षी पार्टियों ने सत्तारूढ़ उद्धव ठाकरे सरकार को निशाने पर लिया था. बीजेपी ने उद्धव सरकार पर कई आरोप लगाए थे.