दुनिया का हर सातवां बच्चा मेंटल हेल्थ संबंधी समस्याओं से पीड़िता, यूनिसेफ की रिपोर्ट का खुलासा…
यूनिसेफ की वैश्विक रिपोर्ट ‘द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2021- ऑन माई माइंड : प्रमोटिंग, प्रोटेक्टिंग एंड केयरिंग फॉर चिल्ड्रन्स मेंटल हेल्थ' में इस बात का खुलासा हुआ है.
दुनिया के हर सात में से एक बच्चा मेंटल हेल्थ संबंधी समस्याओं से पीड़ित है. कोविड महामारी ने विश्व स्तर पर इस समस्या को और बढ़ाया है. उक्त बातें यूनिसेफ इंडिया की प्रतिनिधि डाॅ यास्मीन अली हक ने कही. उन्होंने कहा कि हमने यह पाया है कि समस्याएं होने के बावजूद बच्चे इसके बारे में बात करने में सहज नहीं होते हैं और इसपर चर्चा नहीं करते.
यूनिसेफ की वैश्विक रिपोर्ट ‘द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2021- ऑन माई माइंड : प्रमोटिंग, प्रोटेक्टिंग एंड केयरिंग फॉर चिल्ड्रन्स मेंटल हेल्थ’ में इस बात का खुलासा हुआ है. रिपोर्ट को जारी करने के मौके पर डाॅ यास्मीन अली हक ने कहा कि कोविड महामारी ने बच्चों को बहुत ज्यादा झेलाया है, वे शिक्षा और खेल से दूर होकर घरों में बंद हो गये. जिससे उन्हें मानसिक समस्याएं हुईं, इस समस्या को हम जितना समझ रहे हैं, यह उससे बहुत बड़ी है.
Reports say that globally one in 7 children have mental health issues & Covid has exaggerated that. We've seen that despite having issues children are not comfortable talking about it: Dr. Yasmin Ali Haque, Representative of UNICEF India pic.twitter.com/HR9uBr3uAu
— ANI (@ANI) October 5, 2021
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने यूनिसेफ की इस रिपोर्ट को जारी करते हुए कहा कि शिक्षकों को बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य के बारे में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए ताकि वे जल्दी इन समस्याओं को पहचान सकें और बच्चों को उचित सलाह और इलाज मुहैया करवा सकें. उन्होंने कहा कि शिक्षकों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में मानसिक स्वास्थ्य की समझ को शामिल किया जाना भी एक बेहतर उपाय हो सकता है.
रिपोर्ट जारी करते हुए मनसुख मांडविया ने कहा कि बच्चों को मानसिक समस्याओं से उबरने में परिवार की सबसे अहम भूमिका होती है. परिवार किसी भी बच्चे का पहला स्कूल होता है लेकिन विगत वर्षों से परिवार सीमित हो गया है और परिजन आपस में बात भी नहीं करते, यह स्थिति बदलनी चाहिए ताकि बच्चों को मानसिक समस्याएं ना हों.
Posted By : Rajneesh Anand