EVM पर नहीं थम रहा विवाद, मस्क और बीजेपी नेता के बीच वार-पलटवार, EC के जवाब के बाद भी विपक्ष का हमला जारी
EVM: लोकसभा चुनाव रिजल्ट के बाद इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से छेड़छाड़ के दावों को लेकर राजनीतिक वाकयुद्ध जारी है. इस मुद्दे पर कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने हैं, तो एलन मस्क और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर के बीच वार-पलटवार भी देखने को मिला.
EVM : कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अन्य विपक्षी नेताओं ने मीडिया की एक खबर का हवाला दिया, जिसमें आरोप लगाया गया है कि मुंबई उत्तर पश्चिम लोकसभा सीट से शिवसेना उम्मीदवार के एक रिश्तेदार ने चार जून को मतगणना के दौरान एक मोबाइल फोन का इस्तेमाल किया था, जो ईवीएम से जुड़ा हुआ था.
एलन मस्क और पूर्व मंत्री चंद्रशेखर के बीच वार-पलटवार
ईवीएम को लेकर एलन मस्क और पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर के बीच सोशल मीडिया मंच पर वार और पलटवार देखने को मिला. मस्क ने ईवीएम का इस्तेमाल बंद करने की वकालत की, तो चंद्रशेखर ने जवाब देते हुए उनसे असहमति जताई और उनपर ‘चीजों का सामान्यीकरण’ करने का आरोप लगाया. इसके जवाब में टेस्ला प्रमुख ने जवाब दिया कि कुछ भी हैक किया जा सकता है. मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने कहा था, हमें ईवीएम का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए. एआई के जरिए इनके हैक होने का भले ही कम, लेकिन बड़ा जोखिम है.
राजीव चंद्रशेखर ने मस्क को दिया जवाब
ईवीएम पर एलन मस्क के साथ अपनी बातचीत पर भाजपा नेता राजीव चंद्रशेखर ने कहा, मैं एलन मस्क और उनकी उपलब्धियों का सम्मान करता हूं. मुझे लगता है कि उनका यह कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि किसी भी चीज को हैक किया जा सकता है. कैलकुलेटर या टोस्टर को हैक नहीं किया जा सकता. एलन मस्क के विचार अमेरिका और अन्य स्थानों पर लागू हो सकते हैं, जहां वे नियमित तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कंप्यूटर प्लेटफ़ॉर्म का इस्तेमाल कर इंटरनेट से जुड़े वोटिंग मशीनों का निर्माण करते हैं. पूर्व सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री ने कहा, भारतीय ईवीएम अलग तरीके से डिजाइन की गई हैं और ये सुरक्षित हैं तथा किसी भी नेटवर्क या मीडिया से कनेक्टेड नहीं है. कोई कनेक्टिविटी नहीं, न ब्लूटूथ, न वाईफाई, न इंटरनेट. यानी हैक करने को कोई रास्ता नहीं है. इनमें फैक्टरी प्रोग्राम्ड कंट्रोलर होते हैं, जिन्हें फिर से प्रोग्राम नहीं किया जा सकता है.
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कांग्रेस पर बोला हमला
शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कहा, 2024 में जो चुनाव हुए हैं उसमें EVM हैक नहीं हुआ है. अगर EVM हैक हुआ होता तो राहुल गांधी 2 सीटों पर नहीं जीतते, अगर EVM हैक होता तो भाजपा सिर्फ 240 सीटों पर नहीं रुकती, अगर EVM हैक होता तो कांग्रेस को 99 सीटें नहीं मिलती. निश्चित तौर पर EVM हैक नहीं हुआ है. जो लोग चुनाव जीतने के बाद भी यह कह रहे हैं, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
कांग्रेस नेता ने बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग की
महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने इस मामले में कहा, केंद्र सरकार मतदान के लिए बैलेट पेपर का इस्तेमाल क्यों नहीं करती? कांग्रेस बार-बार यह सवाल पूछती रही है. हमारी सरकार आने के बाद हम चाहते हैं कि मतदान बैलेट से हो.
ये कैसी गुलामी है?
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, जब भारतीय सवाल पूछ रहे थे, तब ये सभी मंत्री चुप रहे. अब जब कोई विदेशी सवाल पूछ रहा है तो सभी जवाब दे रहे हैं, चाहे वो मिलिंद देवड़ा हों या राजीव चंद्रशेखर. पूरी कैबिनेट एलन मस्क के सामने लाइन में खड़ी हो गई है. क्यों? चुनाव भारत में था, अगर किसी भारतीय को कोई संदेह है, तो आप उसे नहीं बल्कि किसी विदेशी को जवाब देंगे, ये कैसी गुलामी है?
क्या है पूरा मामला
दरअसल राहुल गांधी ने एक्स पर एक पोस्ट डाला था, जिसमें उन्होंने लिखा था, भारत में ईवीएम एक ‘ब्लैक बॉक्स’ है. और किसी को भी उनकी जांच करने की अनुमति नहीं है. उसके बाद उन्होंने एक अखबार की कटिंग को भी शेयर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि शिवसेना के उम्मीदवार रवींद्र वायकर के एक रिश्तेदार के पास एक ऐसा मोबाइल फोन था, जिससे ईवीएम ‘अनलॉक’ किया जा सकता था. इधर वनराई पुलिस के अनुसार, वायकर के रिश्तेदार मंगेश पांडिलकर पर 4 जून को आम चुनाव के परिणाम घोषित होने के दिन गोरेगांव स्थित एक मतगणना केंद्र पर मोबाइल फोन का इस्तेमाल करने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की धारा 188 के तहत एक मामला दर्ज किया गया है.