VVPAT: जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की पीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा, 10 फीसदी लोग भी आपत्ति जताएंगे तो पूरी प्रक्रिया रुक जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, वह 18 अप्रैल को उन याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखेगा, जिनमें वोटर वेरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) के साथ इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में उनके द्वारा डाले गए वोटों को रिकॉर्ड किए गए अनुसार गिने जाने की मांग की गई है.
याचिका में क्या किया गया था अनुरोध
एडीआर ने न्यायालय से निर्वाचन आयोग और केंद्र को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश जारी करने का अनुरोध किया है कि मतदाता वीवीपैट के जरिये यह सत्यापित कर सकें कि उनका वोट दर्ज हुआ मान लिया गया है. याचिका में ईवीएम का मिलान उन मतों से करने का अनुरोध किया गया है जिनका मतदान सत्यापित हो गया है और यह सुनिश्चित किया जाए कि मतदाता अपने मत को वीवीपैट पर्ची के जरिये सत्यापित करने में सक्षम हो.
क्या है वीवीपैट
‘वीवीपैट’ स्वतंत्र रूप से वोट का सत्यापन करने वाली प्रणाली है जो मतदाता को यह देखने की अनुमति देती है कि उसका वोट उसी उम्मीदवार को गया है या नहीं, जिसे उसने वोट दिया है. इसके जरिये मशीन से कागज की पर्ची निकलती है जिसे मतदाता देख सकता है और इस पर्ची को एक सीलबंद लिफाफे में रखा जाता है तथा विवाद की स्थिति में इसे खोला जा सकता है.