EWS Reservation: जारी रहेगा EWS आरक्षण, सरकार के फैसले पर SC ने लगायी मुहर, जानिए क्या दी दलील?

EWS Reservation: सुप्रीम कोर्ट की पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने संविधान के 103 वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखा, जो सामान्य वर्ग के बीच 10 प्रतिशत ईडब्ल्यूएस आरक्षण प्रदान करता है. चार न्यायाधीश अधिनियम को बरकरार रखते हैं जबकि एक न्यायाधीश असहमति जताते हुए निर्णय दिया है.

By Aditya kumar | November 7, 2022 11:36 AM
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EWS Reservation: EWS आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुना दिया है. EWS आरक्षण मामले पर पांच जजों की बेंच ने फैसला दिया है. बताया जा रहा है कि 5 जजों में से 3 जज EWS कोटा से आरक्षण के पक्ष में है. मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस माहेश्वरी ने कहा कि EWS कोटा संविधान के खिलाफ नहीं’. ऐसे में अब यह तो तय हो गया है कि देश में EWS कोटा से आरक्षण जारी रहेगा. केंद्र सरकार के निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट ने मुहर लगा दी है.

चार जज पक्ष में, एक ने जतायी असहमति

बता दें कि इस मामले की सुनवाई के लिए पांच जजों की संविधान पीठ ने सुनवाई करते हुए आज निर्णय दिया है. संविधान के 103वें संशोधन अधिनियम 2019 की वैधता को बरकरार रखते हुए चार न्यायाधीशों ने आरक्षण के पक्ष में निर्णय दिया है वही, एक न्यायाधीश ने इस मामले में असहमति जतायी है. बेंच के न्यायाधीश दिनेश माहेश्वरी, बेला त्रिवेदी और जेबी पारदीवाला ने EWS संशोधन को बरकरार रखा है. मुख्य न्यायाधीश उदय यू ललित और न्यायाधीश रवींद्र भट ने इस पर असहमति व्यक्त की है. EWS संशोधन को बरकराकर रखने के पक्ष में निर्णय 3:2 के अनुपात में हुआ.

जानिए क्या है पूरा मामला?

सामान्य वर्ग के आर्थिक गरीब को 10 प्रतिशत आरक्षण दिया जा सकता है या नहीं, इस मामले पर अपना फैसला सुनाया गया है. जानकारी हो कि यह आरक्षण संविधान के 103वें संसोधन के जरिए लाया गया है. साथ ही इस संशोधन एक्ट, 2019 से संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में उपबंध 6 को जोड़ा गया. जानकारी हो कि इसे असंवैधानिक बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गयी थी जिसपर सुनवाई के बाद आज यानि सोमवार को निर्णय आया और यह तय हो गया कि देश में EWS कोटा से 10 फीसदी आरक्षण लागू रहेगा.

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