मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चंद महीने रह गये हैं. इससे पहले दिग्गज पार्टियों को दामन थाम रहे हैं. इस क्रम में पूर्व डकैत मलखान सिंह ने कांग्रेस का दामन थाम लिया है. आपको बता दें कि मलखान सिंह 1982 में आत्मसमर्पण करने से पहले दो दशकों तक प्रदेश के चंबल क्षेत्र में एक खूंखार डकैत के रूप में जाने जाते थे.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ और नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल होने के बाद पूर्व दस्यु ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से बीजेपी का सफाया कर दिया जाएगा. इस अवसर पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने सत्तारूढ़ बीजेपी पर अपने दो दशक लंबे शासन के दौरान लोगों के बीच भय और आतंक पैदा करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि लोगों ने बीजेपी सरकार को सत्ता से बाहर करने का मन बना लिया है.
लंबी मूंछों पर ताव देकर क्या बोले मलखान सिंह
अपनी लंबी मूंछों पर ताव देते हुए मलखान सिंह ने मीडिया से बात की और कहा कि वह हमेशा अन्याय के खिलाफ लड़ते रहे हैं. उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी के शासन पर महिलाओं के खिलाफ अपराधों को नियंत्रित करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा नेताओं ने लोगों में आतंक पैदा किया है. कांग्रेस का दामन थामने के बाद मलखान सिंह ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में वह ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से भाजपा को उखाड़ फेकेंगे. कांग्रेस द्वारा इस बाबत एक प्रेस विज्ञप्ति जारी किया गया जिसमें कहा गया है कि शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी संतोष शर्मा भी 1,200 समर्थकों के साथ पार्टी में शामिल हुए.
अमित शाह मध्य प्रदेश को लेकर खासे एक्टिव
यहां चर्चा कर दें कि चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने कमर कस ली है और शीर्ष नेता एमपी के लगातार दौरे पर हैं. इस क्रम में गृहमंत्री अमित शाह के घर पर गत रविवार देर रात एक अहम बैठक हुई. यह बैठक करीब चार घंटे चली जिसमें चुनाव को लेकर रणनीति बनायी गयी. प्रदेश के नेताओं ने चुनावी तैयारियों को लेकर अपना फीडबैक बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह को दिया. खबरों की मानें तो चुनावी तैयारियों पर चर्चा के साथ-साथ इस दौरान सांगठनिक मु्द्दों को लेकर भी बात हुई. बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मप्र बीजेपी चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक नरेंद्र सिंह तोमर, प्रदेश संगठन मंत्री हितानंद और बीजेपी चुनाव प्रभारी और चुनाव सह-प्रभारी भी उपस्थित थे.
Also Read: Explainer: कांग्रेस क्यों मध्य प्रदेश के ग्वालियर-चंबल क्षेत्र पर कर रही है खास फोकस जानेंमीडिया रिपोर्ट की मानें तो अमित शाह के घर पर हुई बैठक में जबलपुर और ग्वालियर को लेकर विस्तार में चर्चा की गयी. आपको बता दें कि ज्योतिरादित्य सिंधिंया के गढ़ ग्वालियर में पिछले दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रैली की थी. इससे पहले वह जबलपुर में रैली कर चुकीं हैं. कांग्रेस इन दोनों जगह खास रणनीति के तहत मैदान में उतर रही है.
ग्वालियर और चंबल संभाग में कांग्रेस का खास ध्यान
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टी है और वह अपने पुराने गढ़ में इस बार फिर मजबूती से दस्तक देना चाहती है. चाहे लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव कांग्रेस जनता के बीच पैठ बनाने का प्रयास कर रही है. ग्वालियर और चंबल संभाग में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की रैली हुई है. सिंधिया राजवंश एक समय ग्वालियर की तत्कालीन रियासत पर शासन कर चुका है तो ऐसे में इस परिवार का लोगों पर प्रभाव बनना लाजिमी है. यहां पार्टी पर सिंधिया परिवार की छाप भी नजर आती रही है. हालांकि, साल 2018 के चुनाव में साथ नजर आने वाला सिंधिया परिवार अब कांग्रेस के साथ नहीं हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने उसी मजबूती से खड़े रहने की चुनौती है.
Also Read: Madhya Pradesh by Election 2020 : क्या ग्वालियर चंबल संभाग को कांग्रेस के ‘पंजे’ से निकाल पाएगी भाजपा ? पिछली हार से शिवराज ने सीखा सबककांग्रेस के ग्वालियर-चंबल में फोकस रखने की खास वजह आपको बताते हैं. दरअसल, कांग्रेस को 2018 के विधानसभा चुनाव हों या 2020 का उपचुनाव या फिर नगर निकाय और पंचायत चुनाव, इन सभी फॉर्मेट के चुनाव में कांग्रेस पर जनता ने विश्वास जताया था. 2018 के चुनाव पर नजर डालें तो कांग्रेस ने ग्वालियर-चंबल के 8 जिलों की कुल 34 सीटों में 26 सीटों पर जीत का परचम लहराया था. वहीं बीजेपी को 7 और बसपा को एक सीट मिली पिछले चुनाव में मिली थी. केवल चंबल संभाग के तीन जिलों की 13 सीटों में 10 कांग्रेस के खाते में आयी थीं. इस जीत के बाद कांग्रेस प्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई थी.