उत्तराखंड के पूर्व मंत्री चढ़े टंकी पर और मार ली खुद को गोली, पोती के साथ यौन शोषण का लगा था आरोप
उत्तराखंड सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने पानी की टंकी के ऊपर चढ़कर खुद को गोली मार ली. प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि बहुगुणा की पुत्रवधू ने उन पर अपनी पोती से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जिससे वे परेशान थे.
उत्तराखंड सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र बहुगुणा को लेकर जो खबर आ रही है उसने सबको चौंका दिया है. दरअसल यहां छेड़छाड़ का आरोप लगाये जाने के कुछ दिनों बाद राजेंद्र बहुगुणा ने गोली मारकर आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि पुत्रवधू द्वारा अपनी पोती से छेडखानी का आरोप लगाए जाने से वे परेशान थे. उत्तराखंड में रोडवेज यूनियन के इस नेता ने हल्द्वानी में पानी की टंकी पर चढकर कथित रूप से खुद को गोली मार कर आत्महत्या कर ली.
क्या कहा पुलिस ने
नैनीताल के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पंकज भट्ट ने बताया कि 59 वर्षीय राजेंद्र बहुगुणा की पुत्रवधू की शिकायत पर हाल ही में उन पर पॉक्सो अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. घटना हल्द्वानी की भगत सिंह कॉलोनी में बुधवार को हुई. दिवंगत नेता नारायण दत्त तिवारी के मुख्यमंत्रित्व काल में बहुगुणा को एक साल के लिए राज्य मंत्री स्तर के पद पर भी नियुकत किया गया था. बहुगुणा के पुत्र ने अपनी पत्नी पर अपने पिता को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए उसके खिलाफ पुलिस में तहरीर दी.
POCSO अधिनियम के तहत मामला किया गया था दर्ज
उत्तराखंड सरकार में पूर्व मंत्री राजेंद्र बहुगुणा ने पानी की टंकी के ऊपर चढ़कर खुद को गोली मार ली. प्रशासनिक अधिकारियों ने बताया कि बहुगुणा की पुत्रवधू ने उन पर अपनी पोती से छेड़छाड़ का आरोप लगाया था जिससे वे परेशान थे. मामले को लेकर बहुगुणा पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था. बताया जा रहा है कि आत्महत्या से पहले बहुगुणा ने पुलिस को फोन किया और फिर पानी की टंकी पर चढ़कर पिस्टल से खुद को गोली मार ली.
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पुत्रवधू पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज
पुलिस ने सुसाइड के बाद पुत्रवधू के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कर लिया है. प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि पुलिस टीम मौके पर पहुंची. लंबी बातचीत पुलिस और बहुगुणा के बीच हुई. इसके बाद अचानक बहुगुणा ने खुद को गोली मार ली. उन्हें अस्पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका. प्रशासन की ओर से कहा जा रहा है कि खुदकुशी का कारण अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन वह केस और आरोपों से बहुत परेशान थे.
राज्य मंत्री का दिया गया था दर्जा
यहां चर्चा कर दें कि उत्तराखंड रोडवेज कर्मचारी बहुगुणा को 2002 में राज्य की पहली निर्वाचित सरकार में राज्य मंत्री का दर्जा दिया गया था.