Explainer: समय पर फैसले नहीं लेती सरकार, नितिन गडकरी के बयान के क्या हैं मायने

नितिन गडकरी पहली बार ऐसे बयान नहीं दिये हैं, बल्कि इससे पहले भी कई मौकों पर गडकरी बयान दे चुके हैं, जो विपक्ष को रास आया और अपनी पार्टी को चुभने वाला साबित हुआ. पिछले दिनों एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, आज की राजनीति सत्ता के लिए हो गयी है. इसका लोक कल्याण से कोई लेना-देना नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 23, 2022 9:03 PM

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) अपने बेबाक बयान के लिए जाने जाते हैं. कई बार तो ऐसी टिप्पणी कर जाते हैं, जिससे विपक्ष को काफी पंसद और अपनी पार्टी को चुभने वाले हो जाते हैं. नितिन गडकरी का एक बयान इस समय मीडिया की सुर्खियों में है और इसे बीजेपी संसदीय बोर्ड से बाहर किये जाने से जोड़ कर देखा जा रहा है.

समय पर फैसले नहीं लेती सरकार : गडकरी

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी National Virtual Conference of Anatomical Society of India के कार्यक्रम में कहा, सरकार समय पर फैसले नहीं लेती, यह बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा, आप चमत्कार कर सकते हैं. पूरी संभावना भी है. उन्होंने कहा, मेरा कहने का मतलब है कि इन्फ्रास्ट्रक्चर का भविष्य सुनहरा है. हमें दुनिया की और अपने देश के अच्छे रिसर्च को स्वीकार करना होगा. उन्होंने आगे कहा, हमें हमेशा इस बात का ध्यान रखना होगा कि काम समय पर पूरे होने चाहिए.

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एक कई बयान दे चुके हैं गडकरी, सत्ता के लिए होती है राजनीति

नितिन गडकरी पहली बार ऐसे बयान नहीं दिये हैं, बल्कि इससे पहले भी कई मौकों पर गडकरी बयान दे चुके हैं, जो विपक्ष को रास आया और अपनी पार्टी को चुभने वाला साबित हुआ. पिछले दिनों एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था, आज की राजनीति सत्ता के लिए हो गयी है. इसका लोक कल्याण से कोई लेना-देना नहीं है.

राजनीति से संन्यास लेने की बात कर दी थी नितिन गडकरी ने

नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में यहां तक कह दिया था कि उन्होंने ऐसा लगता है कि राजनीति से संन्यास ले लें. गडकरी के इस बयान पर जमकर चर्चा हुई थी.

बीजेपी संसदीय बोर्ड से बाहर हुए नितिन गडकरी

बीजेपी ने पिछले दिनों संसदीय बोर्ड का ऐलान किया था. जिसमें कई बड़े चेहरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया और कई नये चेहरों को स्थान दिया गया. बड़े चेहरों में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान शामिल हैं. जबकि एक और बड़े चेहरे को बोर्ड में स्थान नहीं दिया गया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बोर्ड में स्थान दिये जाने की पूरी संभावना थी, लेकिन उन्हें बोर्ड में स्थान नहीं दिया गया.

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