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Explainer : PM पोषण शक्ति निर्माण योजना पर 20 हजार करोड़ खर्च करती है सरकार, जानिए कैसे लें योजना का लाभ

Pradhanmantri Poshan Shakti Nirman Yojana के तहत सरकार बच्चों को पोषण युक्त भोजन देती है. यानी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सिर्फ भोजन नहीं उसके बदले पोषक तत्वों से भरपूर भोजन उपलब्ध करवाना है. सरकार इसके मेन्यू में हरी सब्जियां, फल और प्रोटीन युक्त भोजन को शामिल करती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 2, 2022 9:16 PM

Pradhanmantri Poshan Shakti Nirman Yojana: प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना के तहत केंद्र सरकार हर साल करोड़ों खर्च करती है. न्यूज एजेंसी एएमआई के मुताबिक, केन्द्र सरकार पीएम पोषण योजना के तहत हर साल 20,000 करोड़ रुपये खर्च करती है. इस योजना जो पहले मिड-डे मील योजना के नाम से भी जानी जाता था. इस योजना के तहत सरकार देश भर के सरकारी स्कूलों और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाले करीब 12 करोड़ से अधिक बच्चे को पोषण युक्त भोजन कराती है. पीएम पोषण योजना केन्द्र के तहत पहली कक्षा से लेकर आठवीं कक्षा तक के बच्चों को शामिल किया गया है. इस योजना में 5 साल से लेकर 11 साल की उम्र के करीब 12 करोड़ बच्चे लाभान्वित हैं. योजना का लाभ देश के 11.20 लाख स्कूलों में पढ़ रहे बच्चे जिसमें बाल वाटिका के 22.6 लाख बच्चे, प्राथमिक से 7.2 करोड़ बच्चे और उच्च प्राथमिक से 4.6 करोड़ बच्चे शामिल हैं,

पोषण योजना का उद्देश्य: गौरतलब है कि केंद्र सरकार स्कूली बच्चों को लेकर कई योजनाओं का क्रियान्वयन कर रही है. इसी कड़ी में पीएम पोषण योजना भी है. इस योजना के पीछे सरकार का मकसद है बच्चों में कुपोषण को दूर करना, और उन्हें पोषण युक्त भोजन देना. इस योजना का पूरा नाम प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (Pradhanmantri Poshan Shakti Nirman Yojana) है. योजना के माध्यम से सरकार प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को पोषण युक्त भोजन देती है. यानी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों को सिर्फ भोजन नहीं उसके बदले पोषक तत्वों से भरपूर भोजन उपलब्ध करवाना है. सरकार इसके मेन्यू में हरी सब्जियां, फल और प्रोटीन युक्त भोजन को शामिल करती है.

कुपोषण को दूर करने के लिए लाई गई है योजना: प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (Pradhanmantri Poshan Shakti Nirman Yojana) का मुख्य उद्देश्य बच्चों में कुपोषण को दूर करना है. इसके लिए उन्हें पोषण युक्त भोजन उपलब्ध कराना है. बच्चों को प्रोटीन, विटामिन और मिनरल युक्त भोजन कराया जाए जिससे बच्चों में कुपोषण न घर करे. इस योजना से करीब 12 करोड़ बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं.

पांच साल तक जारी रहेगी योजना: इस योजना को साल 2025 से 26 तक संचालित किया जाएगा. तब तक कक्षा एक से लेकर कक्षा आठ तक के बच्चों की थाली में पोषणयुक्त भोजन परोसा जाएगा. प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना की शुरुआत 29 सितंबर 2021 को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने की थी. इस योजना के तहत देश के सभी सरकारी स्कूलों के बच्चों को अगले 5 साल तक मुफ्त भोजन मुहैया कराया जाएगा, जो पोषण से युक्त होगा.

किन बच्चों को मिलता है योजना का फायदा: प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना का खास मकसद है कि बच्चों का संतुलित विकास हो. खास कर गरीब और सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों में कुपोषण की समस्या न हो और उनका ग्रोथ बेहतर हो. इसके लिए केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना शुरू की है. पोषण आहार के लिए किसी तरह का शुल्क नहीं लगता है. बच्चों को स्कूलों में मुफ्त भोजन मिलता है. योजना का मकसद यही है कि बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ भोजन भी मिले ताकि वे आगे चलकर आत्मनिर्भर और सशक्त बनें.

नहीं देना होगा कोई आवेदन: प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना 2022 के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए लाभुकों को भारत का स्थाई निवासी होना चाहिए. वो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहा हो. जो आवेदक कर रहा है उसे सरकारी स्कूल का छात्र होना चाहिए. इसके लिए बतौर दस्तावेज आधार कार्ड, निवास प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, जाति प्रमाण पत्र, बैंक खाता विवरण, मोबाइल नंबर और पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ होना चाहिए. इस योजना का लाभ लेने के लिए किसी भी तरह के आवेदन की जरूरत नहीं होती है. क्योंकि यह लाभ विद्यालय के जरिये छात्रों तक पहुंचाया जा रहा है. इस योजना का मकसद ही है कि गरीब छात्रों को पोषण युक्त भोजन मिल सके. ताकी उनका शारीरिक और मानसिक विकास हो.

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