Explainer: राहुल गांधी की सदस्यता बहाल, क्या पुराने बंगले में होगी एंट्री? जानें कैसे आवंटित होता है बंगला
राहुल गांधी ने अप्रैल 2019 में कर्नाटक की एक रैली में मोदी सरनेम पर टिप्पणी करते हुए चोरों से जोड़ दिया था. उसके बाद बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने इसकी शिकायत की. शिकायत के चार साल के बाद मार्च 2023 में सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई थी.
कांग्रेस के लिए सोमवार का दिन खुशियों भरा रहा. क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोदी सरनेम मामले में सजा पर रोक लगाये जाने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता फिर से बहाल हो गयी. करीब 136 दिनों के बाद लोकसभा सचिवालय ने राहुल की सदस्यता बहाल कर दी.
सदस्यता बहाली के बाद संसद पहुंचे राहुल गांधी का भव्य स्वागत
सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी सोमवार को दोपहर 12 बजे संसद भवन पहुंचे और लोकसभा की कार्यवाही में शामिल हुए. संसद भवन पहुंचने के बाद राहुल गांधी ने सबसे पहले महात्मा गांधी की प्रतिमा को नमन किया और फिर सदन में गए. लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी, राज्यसभा में पार्टी के उप नेता प्रमोद तिवारी, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव, शिवसेना (यूबीटी) के संजय राउत, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एनके प्रेमचंद्रन और कई अन्य विपक्षी सांसदों ने संसद भवन के प्रवेश द्वार पर राहुल गांधी का स्वागत किया. विपक्षी सांसदों ने ‘राहुल गांधी संघर्ष करो, हम तुम्हारे साथ हैं’ और ‘राहुल गांधी जिंदाबाद’ के नारे लगाए.
राहुल गांधी को किस मामले में मिली राहत
यहां सबसे पहले यह जानने की जरूरत है कि आखिर राहुल गांधी को किस मामले में सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली और फिर तीन दिनों के बाद संसद की सदस्यता बहाल हो गयी. दरअसल राहुल गांधी ने अप्रैल 2019 में कर्नाटक की एक रैली में मोदी सरनेम पर टिप्पणी करते हुए चोरों से जोड़ दिया था. उसके बाद बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने इसकी शिकायत की. शिकायत के चार साल के बाद मार्च 2023 में सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई. सजा सुनाये जाने के 26 घंटे बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गयी. इस फैसले को राहुल गांधी ने निजली अदालत में चुनौती दी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. फिर राहुल ने फैसले का गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी. वहां से भी राहुल गांधी को निराशा हाथ लगी. आखिरकार राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में सुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए निजली अदालत के फैसले और हाई कोर्ट के सजा बहाली वाले फैसले पर सख्त टिप्पणी की और सजा पर रोक लगा दिया.
22 अप्रैल को राहुल गांधी ने सरकारी बंगला किया था खाली
मोदी सरनेम मामले में सजा मिलने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लुटियंस दिल्ली में स्थित अपना सरकारी आवास 22 अप्रैल को खाली कर दिया था. उसके बाद वह 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने के बाद अपनी मां सोनिया गांधी के आवास पर कुछ समय के लिए रहने चले गए थे. मानहानि के एक मामले में दोषसिद्धि के बाद लोकसभा की सदस्यता गंवाने के बाद राहुल को 22 अप्रैल तक यह बंगला खाली करने को कहा गया था. बंगला खाली करने के बाद राहुल गांधी ने कहा था कि उन्हें कहा था, मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई, मैं कोई भी कीमत चुकाने को तैयार हूं. उन्होंने कहा कि वह महंगाई और भ्रष्टाचार का मुद्दा दोगुनी ताकत से उठाना जारी रखेंगे. बंगला खाली कर जाते समय राहुल ने कहा था, यदि यह मुझसे छीन लिया गया है, तो भी मुझे कोई दिक्कत नहीं है. यह घर मुझे भारत के लोगों ने दिया था.
क्या राहुल गांधी को वापस मिलेगा आवास
लोकसभा सांसद बनने के बाद राहुल गांधी को 2005 में लुटियंस दिल्ली में स्थित सरकारी आवास आवंटित किया गया था. लेकिन दो साल की सजा मिलने के बाद संसद सदस्यता खत्म होने के बाद उन्हें सरकारी आवास खाली करना पड़ा था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट द्वारा सजा पर रोक लगाये जाने के बाद उनकी संसद सदस्यता फिर से बहाल हो गयी है. संसद सदस्यता बहाल होने के साथ ही उन्हें अब सरकारी आवास भी आवंटित कर दिया जाएगा और एक सांसद को मिलने वाली सभी सुविधाएं भी मिलने लगेगीं.
एक सांसद को कैसे मिलता है सरकारी बंगला
दरसअल एक सांसद को बंगला आवंटित करने और रद्द करने के लिए एक कमेटी बनायी गयी है. जिसे केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी) कहा जाता है. यह कमेटी ही सांसद को आवास आवंटित करने के लिए केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय से सिफारिश करती है. अब सदस्यता बहाल होने के बाद कमेटी फिर से मंत्रालय से बंगला आवंटित करने के लिए सिफारिश करेगी. जिसके आधार पर ही राहुल गांधी को बंगला आवंटित की जाएगी. अब सवाल उठता है कि क्या राहुल अपने पूराने आवास पर ही वापस लौटेंगे, तो आपको बता दें यह जरूरी नहीं है. क्योंकि यह तय करना पूरी तरह से कमेटी के ऊपर निर्भर करता है कि वह क्या सिफारिश करती है.
राहुल की लोकसभा सदस्यता बहाली को कांग्रेस ने बताया ‘सत्य की जीत’
राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल होने के बाद कांग्रेस में जश्न का माहौल देखा जा रहा है. सुबह से ही पार्टी कार्यकर्ता एक-दूसरे का मिठाई बांट रहे हैं. राहुल गांधी की सदस्यता बहाली पर सचिवालय ने अपनी अधिसूचना में कहा कि सुप्रीम कोर्ट के चार अगस्त के फैसले के मद्देनजर गांधी की अयोग्यता संबंधी 24 मार्च की अधिसूचना का क्रियान्वयन आगामी न्यायिक फैसले तक रोका जाता है. अधिसूचना में कहा गया है, 24 मार्च, 2023 की अधिसूचना की निरंतरता में उच्चतम न्यायालय ने चार अगस्त, 2023 को विशेष अनुमति अपील (सीआरएल) संख्या 8644/2023 को लेकर एक आदेश पारित किया है, जिसमें केरल के वायनाड संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य श्री राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी गई है. मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सूरत) की अदालत द्वारा दिनांक 23 मार्च, 2023 को दोषसिद्धि का आदेश पारित किया गया था. इसमें आगे कहा गया कि भारत के सुप्रीम कोर्ट के दिनांक चार अगस्त, 2023 के आदेश के मद्देनजर संविधान के अनुच्छेद 102(1)(ई) के प्रावधानों के संदर्भ में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 के आलोक में श्री राहुल गांधी की (बतौर सदस्य) अयोग्यता पर रोक लगा दी गई जो आगे न्यायिक आदेशों पर निर्भर करेगी.
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सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी ने ट्विटर प्रोफाइल बदला
सदस्यता बहाल होने के बाद राहुल गांधी ने अपने ट्विटर प्रोफाइल का ब्यौरा बदला और संसद सदस्य लिखा. सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के बाद उन्होंने ‘डिस्क्वालीफाइड एमपी’ (अयोग्य ठहराए गए सांसद) लिखा था.
राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का खरगे ने किया स्वागत
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल होने का स्वागत करते हुए कहा कि इससे भारत के लोगों, खासकर वायनाड संसदीय क्षेत्र की जनता को राहत मिली है. खरगे ने ट्वीट किया, राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल करने का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है. यह (कदम) भारत के लोगों और विशेषकर वायनाड की जनता के लिए राहत लेकर आया है. उन्होंने कहा, भाजपा और मोदी सरकार के कार्यकाल का अब जो भी समय बचा है, उन्हें उसका उपयोग विपक्षी नेताओं को निशाना बनाकर लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए नहीं करना चाहिए बल्कि उन्हें शासन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर लगाया रोक, निजली अदालत के फैसले को पलटा
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल करने का मार्ग प्रशस्त करते हुए, मोदी सरनेम को लेकर की गई टिप्पणी के संबंध में 2019 में उनके खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि मामले में उनकी दोषसिद्धि पर, शुक्रवार चार अगस्त को रोक लगा दी थी. न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ ने चार अगस्त को फैसला सुनाते हुए कहा था कि निचली अदालत के न्यायाधीश ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते समय कोई कारण नहीं बताया, सिवाय इसके कि उन्हें अवमानना मामले में शीर्ष अदालत ने चेतावनी दी थी.