Explainer: चुनावों में लगातार मिल रही हार का सामना कर रही कांग्रेस की परेशानी कम होती नहीं दिख रही है. दरअसल, कांग्रेस के कई बड़े चेहरे भी अब पार्टी का साथ छोड़ रहे हैं. बीते दिन गुलाम नबी आजाद ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया है. उनसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया, कपिल सिब्बल, जितिन प्रसाद व हार्दिक पटेल जैसे कई बड़े नेताओं ने भी कांग्रेस को अलविदा कह दिया था. सबसे बड़ी बात यह है कि इनमें से कई नेताओं ने अपने इस्तीफे में राहुल गांधी और मौजूदा कांग्रेस नेतृत्व पर गंभीर आरोप लगाए है. आजाद ने भी सोनिया गांधी को लिखे पांच पेज के इस्तीफे में G-23 समूह का भी जिक्र किया है. इसी के साथ एक बार फिर जी-23 सुर्खियों में आ गया है.
कांग्रेस छोड़ते हुए गुलाम नबी आजाद समेत पार्टी के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी नेतृत्व खासकर राहुल गांधी को लेकर जमकर निशाना साधा था. सभी ने इस्तीफे में लिखा कि राहुल गांधी पार्टी नेताओं के प्रति बेरूखी दिखाते हैं और वह अनुभवहीन लोगों से घिरे हुए हैं. अपने पत्र में गुलाम नबी ने लिखा है कि राहुल गांधी की राजनीति में एंट्री खासतौर पर साल 2013 में उन्हें पार्टी का उपाध्यक्ष बनाए जाने के बाद कांग्रेस के भीतर सलाह लेने की पूरी प्रक्रिया खत्म हो गई है. वहीं, 18 वर्षों से कांग्रेस के साथ रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च 2020 में पार्टी नेतृत्व के साथ झगड़े के चलते इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस के दिग्गज चेहरों में शामिल कपिल सिब्बल ने भी पार्टी आलाकमान के खिलाफ नाराजगी जाहिर करते हुए बीते दिनों पार्टी छोड़ दिया था. उन्होंने कई मौकों पर पार्टी नेतृत्व को लेकर सवाल खड़े किए थे.
कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता जी-23 समूह में शामिल हैं. अगस्त 2020 में जब पहली बार इन नेताओं का समूह चर्चा में आया तब इसमें 23 नेता शामिल थे और इसलिए इन्हें जी-23 कहा गया था. उस वक्त इस समूह ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पूर्णकालिक अध्यक्ष बनाने और संगठन में ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव की मांग की थी. इस पत्र में 23 नेताओं के हस्ताक्षर थे. ग्रुप में शामिल रहे जितिन प्रसाद बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. वहीं, कपिल सिब्बल ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया और अब सपा के समर्थन से राज्यसभा सांसद हैं. सिब्बल के बाद अब गुलाम नबी ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. जबकि, योगानंद शास्त्री भी शरद पवार की पार्टी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का दामन थाम चुके हैं. हाल के दिनों में कुछ नेताओं ने खुद को जी-23 ग्रुप से अलग कर लिया है.
गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल, शशि थरूर, मनीष तिवारी, आनंद शर्मा, पीजे कुरियन, रेणुका चौधरी, मिलिंद देवड़ा, मुकुल वासनिक, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, राजिंदर कौर भट्टल, एम वीरप्पा मोइली, पृथ्वीराज चव्हाण, अजय सिंह, राज बब्बर, अरविंदर सिंह लवली, कौल सिंह ठाकुर, अखिलेश प्रसाद सिंह, कुलदीप शर्मा, संदीप दीक्षित, विवेक तन्खा इन ग्रुप में शामिल है. वहीं, कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद, जितिन प्रसाद और योगानंद शास्त्री पार्टी छोड़ चुके हैं.