Explainer : कौन हैं जय शाह, उन पर तिरंगे के अपमान का क्यों लग रहा आरोप, समझें पूरा मामला
दुबई में हुए एशिया कप क्रिकेट मैच में पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद पूरा स्टेडियम जश्न में डूब गया. इस दौरान कैमरे की नजर स्टेडियम में मौजूद जय शाह पर चली गयी. शाह भी जीत का जश्न ताली बजाकर उठा रहे थे. लेकिन उसी समय एक शख्स ने उन्हें तिरंगा थामने का ऑफर किया, लेकिन शाह ने उसे मना कर दिया.
एशिया कप 2022 (Asia Cup) में भारत और पाकिस्तान के बीच रोमांचक मुकाबला खेला गया, जिसमें भारतीय टीम ने अपने चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को 5 विकेट से रौंदकर टी20 वर्ल्ड कप में मिली हार का बदला लिया. भारत की जीत के बाद पूरा देश जश्न में झूम उठा, लेकिन दुबई में खेले गये इस महामुकाबले की जितनी चर्चा नहीं हुई, उससे अधिक चर्चा स्टेडियम में मैच का लुत्फ उठा रहे बीसीसीआई सचिव जय शाह (Jay Shah) की हुई. जय शाह पर तिरंगे के अपमान का आरोप लग रहा है. विपक्ष भी इस मुद्दे पर हमलावर है. तो आइये जानते हैं, जय शाह कौन हैं और क्यों उनपर तिरंगे के अपमान का लग रहा आरोप.
क्या है मामला
दरअसल दुबई में हुए एशिया कप क्रिकेट मैच में पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद पूरा स्टेडियम जश्न में डूब गया. इस दौरान कैमरे की नजर स्टेडियम में मौजूद जय शाह पर चली गयी. शाह भी जीत का जश्न ताली बजाकर उठा रहे थे. लेकिन उसी समय एक शख्स ने उन्हें तिरंगा थामने का ऑफर किया, लेकिन शाह ने उसे मना कर दिया. अब यही विवाद का कारण बन गया. शाह के वीडियो को शेयर कर लोग उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, जिसमें विपक्ष भी शामिल है.
Also Read: Asia Cup 2022: पाकिस्तान पर जीत किसी उपलब्धि से कम नहीं, हार्दिक पांड्या ने किया खुशी का इजहार
“मेरे पास पापा हैं,
तिरंगा अपने पास रखो!”— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 29, 2022
कौन हैं जय शाह
जय शाह इस समय बीसीसीआई के सचिव हैं. लेकिन इससे कहीं अधिक उनकी पहचान अमित शाह को लेकर है. क्योंकि जय शाह, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बेटे हैं. यह पहली बार नहीं है, जब शाह ट्रोल हो रहे हैं, बल्कि जब भी राजनीति में परिवारवाद की चर्चा होती है, तो जय शाह भी उसके लपेटे में आ जाते हैं.
कांग्रेस सहित विपक्षी नेताओं ने जय शाह की आलोचना की
विपक्षी नेताओं ने दुबई में हुए एशिया कप क्रिकेट मैच में पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद तिरंगा नहीं पकड़ने के लिए बीसीसीआई के सचिव जय शाह पर निशाना साधा है. कांग्रेस के कई नेताओं ने इस मामले पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह की आलोचना की. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, मेरे पास पापा हैं, झंडा अपने पास रखो. रमेश ने अपने इस ट्वीट के साथ मामले से संबंधित वीडियो साझा किया और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को टैग किया.
लगता है तिरंगा खादी का था…पॉलिस्टर का नहीं
कांग्रेस के एक और नेता अजॉय कुमार ने वीडियो के साथ ट्वीट किया, लगता है तिरंगा खादी का था…पॉलिस्टर का नहीं. कांग्रेस ध्वज संहिता में संशोधन की कड़ी आलोचना कर रही है, जिसके तहत अब राष्ट्रीय ध्वज को पॉलिस्टर के कपड़े और मशीनों की मदद से बनाया जा सकता है. कर्नाटक में कांग्रेस के विधायक प्रियांक खड़गे ने पूछा कि पाकिस्तान पर भारत की जीत के बाद जय शाह ने तिरंगा थामने से इनकार क्यों किया. उन्होंने पूछा क्या उन्हें भगवा ध्वज या भाजपा का झंडा चाहिए था. शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी ने ट्वीट किया, हाथ में हो तिरंगा – हमारे संकल्प और देश के लिए निष्ठा का प्रतीक है. इस तरीके से तिरंगे को झटकना… यह देश की 133 करोड़ आबादी का अपमान है. हालांकि इसके कुछ ही मिनट बाद उन्होंने शाह का बचाव करते हुए ट्वीट किया, एसीसी (एशियन क्रिकेट काउंसिल) के अध्यक्ष के तौर पर तटस्थ रहना किसी भी तरह से राष्ट्रध्वज का अपमान करना नहीं है. लिहाजा ट्रोल्स अपना काम करें.
तृणमूल कांग्रेस ने भी जय शाह पर बोला हमला
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने वीडियो टैग करते हुए लिखा, जय शाह का राष्ट्रीय ध्वज नहीं थामना सरकार के बड़े पाखंड का लक्षण है. वे केवल नाटकबाजी में लगे रहते हैं. उनके पास मूल्यों की कमी है, लेकिन जुमलेबाजी में वे माहिर हैं. टीएमसी के प्रवक्ता साकेत गोखले ने कहा कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने तर्क दिया है कि जय शाह ने रविवार की रात को तिरंगा इसलिए नहीं थामा क्योंकि वह एसीसी अध्यक्ष के रूप में वहां मौजूद थे और प्रोटोकॉल का पालन कर रहे थे. गोखले ने कहा, यही भाजपा पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के पीछे पड़ गई थी जब उन्होंने (प्रोटोकॉल के अनुसार) गणतंत्र दिवस परेड के दौरान राष्ट्रध्वज को सलामी नहीं दी थी.