Facebook India की पब्लिक पॉलिसी डायरेक्टर आंखी दास को मिली धमकी, शिकायत दर्ज
hate speech on facebook, facebook bjp, bjp leaders on facebook, bjp on facebook, bjp hate speech facebook, facebook director, facebook report, Facebook policy, Facebook News, Facebook India executive, FIR, Delhi police: फेसबुक इंडिया की वरिष्ठ अधिकारी आंखी दास ने दिल्ली पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज करा कर यह आरोप लगाया है कि उन्हें 'जान से मारने की धमकी' मिल रही है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि (दिल्ली पुलिस की) साइबर प्रकोष्ठ इकाई दास की शिकायत की जांच कर रही है.
Facebook News, Hate Speech, Policy: नयी दिल्ली : फेसबुक इंडिया की वरिष्ठ अधिकारी आंखी दास ने दिल्ली पुलिस के पास एक शिकायत दर्ज करा कर यह आरोप लगाया है कि उन्हें ‘जान से मारने की धमकी’ मिल रही है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि (दिल्ली पुलिस की) साइबर प्रकोष्ठ इकाई दास की शिकायत की जांच कर रही है.
दास, फेसबुक की पब्लिक पॉलिसी, भारत, दक्षिण और मध्य एशिया निदेशक हैं. उन्होंने रविवार को शिकायत दर्ज करायी थी और आरोप लगाया है कि कई लोग उन्हें धमकी दे रहे हैं, अश्लील टिप्पणी कर रहे हैं और ऑनलाइन पोस्ट के जरिये उन्हें बदनाम कर रहे हैं.
शिकायत के मुताबिक ये धमकियां (अमेरिकी समाचार पत्र) ‘वॉल स्ट्रीट जर्नल’ में 14 अगस्त 2020 को प्रकाशित एक आलेख से संबद्ध है. दास ने अपनी शिकायत में कहा है कि तब से उन्हें धमकियां मिल रही हैं. उन्होंने कहा, (पोस्ट की जा रही) सामग्री में, यहां तक कि मेरी तस्वीरें भी शामिल हैं और मुझे जान से मारने की और शारीरिक नुकसान पहुंचाने की धमकी दी जा रही है तथा मुझे अपनी और अपने परिवार के सदस्यों की सुरक्षा का डर है.
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एक खबर के आधार पर सामग्री में मेरी छवि भी धूमिल की गई है और मुझे अपशब्द कहे जा रहे, साइबर धौंस दी जा रही तथा ऑनलाइन फब्तियां कसी जा रही हैं. दास ने आरोप लगाया कि आरोपी द्वारा अपने ‘राजनीतिक जुड़ाव’ को लेकर इरादतन उन्हें निशाना बनाया जा रहा है तथा अब वे ऑनलाइन एवं ऑफलाइन गाली-गलौज करने में लग गये हैं, उन्हें आपराधिक धमकियां दी जा रही और उनके खिलाफ अश्लील टिप्पणी की जा रही है.
वॉल स्ट्रीट जर्नल की एक खबर में फेसबुक द्वारा भारत में (केंद्र में) सत्तारूढ़ दल के नेताओं पर घृणा भाषण संबंधी नियमों को लागू करने में लापरवाही का दावा किये जाने के बाद कांग्रेस और भाजपा के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू होने के बीच ये टिप्पणी आयी है.
एक ओर जहां भाजपा ने आरोप लगाया है कि सोशल मीडिया कंपनी राष्ट्रवादी आवाज को दबा रही है, वहीं विपक्षी कांग्रेस ने वाल स्ट्रीट जर्नल की खबर का हवाला देते हुए आरोप लगाया है कि फेसबुक की विषय वस्तु की नीति सत्तारूढ़ पार्टी का समर्थन करती है.
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