सोशल मीडिया में किसान आंदोलन को दबाने के लिए केंद्र सरकार ने लगाया जैमर ? जानिये क्या है सच
PIB Fact Check, Farmers Protest, Government imposed jammer, farmer movement in social media, viral message सरकार किसान आंदोलन को दबाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रही है. जिसके तहत सोशल मीडिया में किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने जैमर लगा रखा है.
PIB Fact Check : केंद्र के नये कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली में 16 दिनों से किसान लगातार आंदोलन (Farmers Protest) कर रहे हैं. सरकार से अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकल पाया है. किसानों कानून रद्द करने की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. किसान आंदोलन (farmer movement in social media) को लेकर सोशल मीडिया में भी एक मैसेज (viral message) तेजी से वायरल हो रही है.
वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि सरकार किसान आंदोलन को दबाने के लिए कई तरह के हथकंडे अपना रही है. जिसके तहत सोशल मीडिया में किसान आंदोलन को दबाने के लिए सरकार ने जैमर लगा रखा है.
दावा : एक #खबर में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को दबाने के लिए जैमर लगाए हैं। #PIBFactCheck : यह दावा #फ़र्ज़ी है। केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है। pic.twitter.com/lpadTBJHLu
— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) December 12, 2020
PIB Fact Check की टीम ने वायरल मैसेज की सच्चाई को लाया सामने, किया सतर्क
PIB Fact Check की टीम इस समय वायरल और फर्जी खबर पर पूरी तरह से अपनी निगाहें जमाये रखी है. किसी भी तरह की भ्रामक खबरें हों, सबके बार में पीआईबी विशेष टीम पहले पूरी तरह से जांच करती है, फिर फर्जी खबर की पूरी जानकारी से लोगों को अवगत कराती है. उसी तरह किसान आंदोलन को लेकर वायरल मैसेज को लेकर भी पीआईबी की टीम ने जांच की और सच्चाई का पता लगाया.
पीआईबी की टीम ने सबसे पहले वायरल मैसेज के बारे में बताया कि एक खबर में दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया पर किसान आंदोलन को दबाने के लिए जैमर लगाए हैं. उसके बाद PIB Fact Check ने जांच करने के बाद बताया, यह दावा फर्जी है. केंद्र सरकार द्वारा ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है.
गौरतलब है कि कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हजारों किसान बीते 16 दिनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार और किसानों के प्रतिनिधियों के बीच पांच चरण की वार्ता बेनतीजा रहने के बाद गत बुधवार को प्रस्तावित छठे दौर की वार्ता निरस्त कर दी गई. किसानों और सरकार के बीच गतिरोध लगातार बढ़ता ही जा रहा है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra