Fact Check: ईवीएम हैकिंग से जीता गया था गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव? जानिए वायरल मैसेज का सच

गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव को लेकर जो मैसेज इस समय सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, उसकी पड़ताल पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने की. जिसमें पीआईबी ने पाया कि खबर पूरी तरह से फेक है.

By ArbindKumar Mishra | October 10, 2022 5:56 PM

गुजरात और हिमाचल प्रदेश में इसी साल विधानसभा का चुनाव होना है. जिसके लिए भाजपा सहित तमात राजनीतिक पार्टियां जोर-आजमाइश में लग गयी हैं. इधर चुनावी पारा बढ़ने के साथ फेक खबरों का बाजार भी गर्म होने लगा है. इस समय सोशल मीडिया में एक खबर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में पिछली बार जो विधानसभा चुनाव हुए थे, उसमें ईवीएम हैकिंग कर जीत दर्ज की गयी थी. आइये वायरल मैसेज की पड़ताल करें.

क्या किया जा रहा है वायरल मैसेज में दावा

दरअसल सोशल मीडिया में जो गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव को लेकर खबर वायरल हो रही है, उसमें दावा किया जा रहा है कि पिछले चुनाव में दोनों राज्यों में ईवीएम हैकिंग के जरिये जीत दर्ज की गयी थी. खबर को मजबूती देने के लिए पूर्व चुनाव आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति के फर्जी बयान का सहारा लिया गया.


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क्या है वायरल मैसेज का सच

गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव को लेकर जो मैसेज इस समय सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है, उसकी पड़ताल पीआईबी की फैक्ट चेक टीम ने की. जिसमें पीआईबी ने पाया कि खबर पूरी तरह से फेक है और लोगों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है. पीआईबी ने बताया कि इस बारे में भारतीय चुनाव आयोग ने पहले ही प्रेस विज्ञप्ति जारी कर अपना स्पष्टीकरण जारी किया था.

गलत खबर के खिलाफ चुनाव आयोग ने दर्ज की थी एफआईआर

मालूम हो गुजरात और हिमाचल प्रदेश चुनाव को लेकर गलत खबर चलाने को लेकर चुनाव आयोग ने सख्त कदम उठाया था और एफआईआर दर्ज कराया था. खुद पूर्व चुनाव आयुक्त टी एस कृष्णमूर्ति ने भी खबरों का खंडन किया था. उन्होंने अपना बयान जारी कर कहा कि यह मेरे संज्ञान में लाया गया है कि कुछ समय पहले एक हिंदी समाचार पत्र में छपी एक फर्जी खबर को फिर से सक्रिय किया जा रहा है और फिर से प्रसारित किया जा रहा है. जैसे कि मैं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, ईवीएम की विश्वसनीयता के बारे में संदेह व्यक्त कर रहा हूं. यह आगामी चुनावों में गलत धारणा फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, तो की पूरी तरह से गलत है. मैं दोहराना चाहूंगा कि ईवीएम सबसे विश्वसनीय हैं और मुझे इसकी प्रभावकारिता और विश्वसनीयता के बारे में कोई संदेह नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन वास्तव में हमारे देश के लिए गर्व है और इसकी विश्वसनीयता के बारे में कोई संदेह नहीं हो सकता है.

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