Fact Check: दिल्ली की जामा मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिद नहीं, जानिए इतिहासकारों ने क्या कहा…

Fact Check: राष्ट्रीय राजधानी में लगे होर्डिंग और दिल्ली पर्यटन विभाग की वेबसाइट के दावों के विपरीत कई इतिहासकारों का कहना है कि दिल्ली स्थित भव्य जामा मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिद नहीं है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 7, 2022 6:33 PM
an image

Fact Check: राष्ट्रीय राजधानी में लगे होर्डिंग और दिल्ली पर्यटन विभाग की वेबसाइट के दावों के विपरीत कई इतिहासकारों का कहना है कि दिल्ली स्थित भव्य जामा मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिद नहीं है. इतिहासकारों ने कहा कि भोपाल में स्थित ताज-उल-मस्जिद देश की सबसे बड़ी मस्जिद है.

मुगल सम्राट शाहजहां ने बनवाया था जामा मस्जिद

दिल्ली की मशहूर जामा मस्जिद को मुगल सम्राट शाहजहां ने 1656 में बनवाया था. वहीं, ताज-उल-मस्जिद का निर्माण 1868-1901 के बीच भोपाल की तीसरी महिला शासक शाहजहां बेगम द्वारा कराया गया था. ताज-उल-मस्जिद का मतलब मस्जिदों का ताज होता है. संगमरमर के गुंबद वाली जामा मस्जिद को होर्डिंग पर भारत की सबसे बड़ी मस्जिद के रूप में वर्णित किया गया है, जो शहर भर में नजर आ रही ‘क्या आप जानते हैं’ श्रृंखला का हिस्सा है. बड़े-बड़े होर्डिंग के अलावा, जामा मस्जिद के देश की सबसे बड़ी मस्जिद होने का दावा दिल्ली पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर भी मिलता है. वेबसाइट पर मस्जिद को लेकर लिखा गया है, पुरानी दिल्ली की यह भव्य मस्जिद भारत में सबसे बड़ी है.

दिल्ली के इतिहासकार ने फेसबुक पर लिखा…

दिल्ली के इतिहासकार सोहेल हाशमी ने हाल ही में इस दावे में सुधार के लिए फेसबुक का सहारा लिया. उन्होंने अपने फेसबुक पर लिखा, प्रिय दिल्ली सरकार, जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिद नहीं है. भोपाल में स्थित ताज-उल-मस्जिद इससे 33 प्रतिशत बड़ी है. हाशमी ने न्यूज एजेंसी पीटीआई भाषा से कहा कि वास्तुकला से समृद्ध जामा मस्जिद अपने आकार के कारण नहीं, बल्कि मुगल वास्तुकला की इसकी शैली के चलते अहम है, जिसने बहुत से लोगों को जामा मस्जिद के मूल डिजाइन का अनुसरण करने के लिए प्रेरित किया है. ताज-उल-मस्जिद के अलावा औरंगजेब द्वारा लाहौर में बनवाई गई बादशाही मस्जिद का डिजाइन भी इस पर आधारित है.

ताज-उल-मस्जिद वास्तव में भारत की सबसे बड़ी मस्जिद

ताज-उल-मस्जिद के दारुल उलूम के प्रोफेसर हसन खान भी सोहेल हाशमी से सहमत हैं. हसन खान ने पीटीआई-भाषा से कहा कि ताज-उल-मस्जिद वास्तव में भारत की सबसे बड़ी मस्जिद है जो जामा मस्जिद से एक तिहाई गुना बड़ी है. उन्होने कहा कि वास्तव में और मेरी व्यक्तिगत राय में, कवर क्षेत्र के मामले में यह दुनिया में सबसे बड़ी मस्जिद है. हालांकि, खुले क्षेत्र और कवर क्षेत्र दोनों को मिलाकर देखें तो, औरंगजेब द्वारा निर्मित बादशाही मस्जिद सबसे बड़ी है. लेकिन, कोई सत्यापित आयाम आसानी से उपलब्ध नहीं हैं, हालांकि, कल्चर ट्रिप और हैलो ट्रैवल जैसी कई वेबसाइट दावा करती हैं कि ताज-उल-मस्जिद में 1,75,000 लोगों के बैठने की क्षमता है. वहीं, ब्रिटानिका डॉट कॉम के अनुसार, जामा मस्जिद के प्रांगण में 25,000 लोग ही बैठ सकते हैं. दिल्ली की जामा मस्जिद के भारत की सबसे बड़ी मस्जिद होने का दावा झूठा है.

Also Read: ISRO AzadiSAT: भारत की बेटियों ने बनाई आजादी सैटेलाइट, 750 छात्राओं के इस मिशन के बारे में जानें सबकुछ

Exit mobile version