नई दिल्ली : केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी को अभी हाल ही में भाजपा की संसदीय समिति से बाहर क्या कर दिया गया, मीडिया में पार्टी नेतृत्व और मोदी सरकार से उनकी खटास की अटकलें तेजी से लगाई जाने लगीं. तथाकथित तौर पर उनके बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाने लगा. मीडिया की एक रिपोर्ट कहा गया, ‘केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार समय पर निर्णय नहीं ले रही है और यह एक सबसे बड़ी समस्या है.’ इस रिपोर्ट के बाद नितिन गडकरी के कार्यालय की ओर से Fact Check जारी किया गया है. बता दें कि नितिन गडकरी ने पिछले रविवार को मुंबई में एसोसिएशन ऑफ कंसल्टिंग सिविल इंजीनियर्स द्वारा आयोजित नैटकॉन 2022 को संबोधित किया था.
केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के कार्यालय की ओर से बयानों को लेकर ट्वीट किए गए Fact Check में कहा गया है, ‘आधी हकीकत, आधा फसाना.. देखें किस तरह चार दिन पहले मुंबई में श्री नितिन गडकरी जी के वक्तव्य का प्रोपेगेंडा तैयार किया गया.’ गडकरी के कार्यालय की ओर से इस ट्वीट के साथ रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान उनके संबोधन वाले वीडियों को भी शेयर किया गया है.
दरअसल, मीडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पिछले रविवार को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि सरकार समय पर निर्णय नहीं ले रही है और यह एक सबसे बड़ी समस्या है. उन्होंने कहा कि आप चमत्कार कर सकते हैं और इसके लिए आपके पास क्षमता भी है.
गडकरी ने आगे कहा, ‘मेरा सुझाव है कि भारत में बुनियादी ढांचे का भविष्य बहुत उज्ज्वल है. हमें दुनिया और देश में अच्छी तकनीक, अच्छे नवाचार, अच्छे शोध और सफल प्रथाओं को स्वीकार करने की जरूरत है. हमारे पास वैकल्पिक सामग्री होनी चाहिए, जिससे हम गुणवत्ता से समझौता किए बिना लागत कम कर सकें. उन्होंने कहा कि निर्माण में समय सबसे महत्वपूर्ण चीज है. समय सबसे बड़ी पूंजी है. सबसे बड़ी समस्या यह है कि सरकार समय पर निर्णय नहीं ले रही है.’
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मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान और कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा की गई टिप्पणी में कोई मेल नहीं खाता. अपनी टिप्पणी में प्रधानमंत्री मोदी ने अमृत काल या स्वर्ण युग में बड़े मील के पत्थर पार करने में उनकी सरकार की सफलता को उजागर किया है. हालांकि, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बयान के बाद भाजपा के नेताओं का कहना है कि गडकरी के द्वारा कही गई बातें किसी केंद्र सरकार के लिए नहीं है, बल्कि यह राज्य सरकारों के लिए भी है.