केंद्र सरकार ने सेना में अल्पकालिक भर्ती को लेकर अग्निपथ योजना की शुरुआत की है. जिसमें 4 साल के लिए अग्निवीरों की सेना में भर्ती होगी. देशभर में नियुक्ति प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. हालांकि इसको लेकर देशभर में विरोध भी जमकर हुआ. अब सोशल मीडिया में एक खतर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि अग्निवीरों की तर्ज पर शिक्षकों की भी भर्ती होगी. वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि शिक्षकों की नियुक्ति केवल 10 साल के लिए किया जाएगा. आइये जानते हैं कि वायरल मैसेज की सच्चाई क्या है.
क्या है वायरल मैसेज में
वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि अग्निवीर की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती केंद्र सरकार करेगी. मैसेज में दावा किया जा रहा है कि शिक्षकों की भर्ती 10 साल के किया जाएगा. मैसेज में यह भी दावा किया जा रहा है कि शिक्षक भर्ती की नयी नियमावली को राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है.
Also Read: Fact Check: 12 घंटे में रिटर्न जर्नी पर नहीं लगेगा टोल टैक्स, जानें वायरल मैसेज का सच
दावा
▪️ शिक्षक भर्ती नई नियमावली को राष्ट्रपति की मंजूरी
▪️ #Agniveer की तर्ज पर शिक्षकों की भर्ती
▪️ 10 साल होगी शिक्षक की नौकरीतथ्य
✅ ये सभी दावे फर्जी हैं
✅ ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया गया हैसंदिग्ध जानकारी #PIBFactCheck को भेजें
📲8799711259
📩socialmedia@pib.gov.in pic.twitter.com/Szz3fhcDd7— PIB Fact Check (@PIBFactCheck) August 25, 2022
क्या है शिक्षक भर्ती को लेकर वायरल मैसेज की सच्चाई
शिक्षक भर्ती को लेकर मैसेज वायरल होने के बाद पीआईबी फैक्ट चेक की टीम ने मामले की पड़ताल की. जिसमें टीम ने पाया कि शिक्षक भर्ती को लेकर जो मैसेज वायरल हो रहा है, वह पूरी तरह से फर्जी है. पीआईबी फैक्ट चेक ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से वायरल मैसेज को शेयर किया और बताया, ये सभी दावे फर्जी हैं. शिक्षक भर्ती को लेकर सरकार ने ऐसा कोई भी निर्णय नहीं लिया है.
क्या है अग्निपथ योजना
केंद्र सरकार ने सेना में भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा 14 जून 2022 में की थी. अग्निपथ योजना में रक्षा बलों में साढ़े 17 से 21 वर्ष की आयु के युवाओं को केवल चार साल के लिए भर्ती करने का प्रावधान है, जिसमें से 25 प्रतिशत को 15 और वर्षों तक बनाए रखा जाएगा. इस योजना की घोषणा के तुरंत बाद कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. बाद में, सरकार ने योजना के तहत 2022 में भर्ती के लिए ऊपरी आयु सीमा को बढ़ाकर 23 वर्ष कर दिया था.