Fact Check: 2017 में राष्ट्रपति उम्मीदवार के लिए टीएमसी ने नहीं किया था द्रौपदी मुर्मू के नाम का प्रस्ताव
कुणाल घोष ने तब निजी स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर सर्वसम्मति बनाने का सुझाव दिया था. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी में तीन नाम प्रस्तावित किए थे.
कोलकाता : भारत में राष्ट्रपति चुनाव की नामांकन प्रक्रिया जारी है. राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की प्रत्याशी और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपना पर्चा दाखिल कर दिया है और विपक्ष के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा आज सोमवार 27 जून को अपना नामांकन दाखिल करेंगे. इस बीच, मीडिया में खबर यह आ रही है कि 2017 में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने द्रौपदी मुर्मू के नाम का प्रस्ताव किया था. हालांकि, पार्टी के प्रवक्ताओं ने मीडिया की इस खबर को खारिज किया है.
टीएमसी ने मीरा कुमार के नाम का किया था समर्थन : कुणाल घोष
टीएमसी के नेता के नेता कुणाल घोष के हवाले से एक प्रमुख हिंदी दैनिक अखबार ने इस सप्ताह की शुरुआत में अपनी खबर में कहा था कि पार्टी ने सबसे पहले 2017 में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए झारखंड की पूर्व राज्यपाल मुर्मू का नाम प्रस्तावित किया था. पार्टी प्रवक्ता घोष ने कहा कि यह सूचना गलत है. उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस ने कई अन्य विपक्षी दलों के साथ 2017 में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार को शीर्ष पद के लिए समर्थन दिया था. तब रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति चुने गए थे.
कुणाल घोष ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिख द्रौपदी मुर्मू के नाम का सुझाव
हालांकि, कुणाल घोष ने तब निजी स्तर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम पर सर्वसम्मति बनाने का सुझाव दिया था. उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखी चिट्ठी में तीन नाम प्रस्तावित किए थे. इनमें नजमा हेपतुल्ला, तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी (दोबारा चयन के लिए) और मुर्मू का नाम शामिल था. उस समय घोष को तृणमूल कांग्रेस से निलंबित कर दिया गया था.
मैंने नागरिक के तौर पर प्रधानमंत्री को लिखी थी चिट्ठी : कुणाल घोष
मीडिया से बातचीत करते हुए कुणाल घोष ने कहा कि मैंने यह पत्र देश के एक नागरिक के तौर पर लिखा था. उस समय मैंने निजी स्तर पर उक्त नामों का सुझाव दिया था, न कि तृणमूल कांग्रेस की तरफ से. तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और राष्ट्रीय प्रवक्ता सुखेंदु शेखर रॉय ने कहा कि घोष का 2017 का पत्र उनके द्वारा निजी स्तर पर भेजा गया था. रॉय ने कहा कि पार्टी ने इसका समर्थन नहीं किया था.
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क्या है सोशल मीडिया पर वायरल चिट्ठी का सच
बता दें कि एक हिंदी अखबार में खबर सामने आने के बाद पिछले दो दिन से 24 जून, 2017 के पत्र की प्रति वायरल हो रही है. हाल में तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए यशवंत सिन्हा को उम्मीदवार बनाया है. पड़ताल में पाया गया कि तृणमूल कांग्रेस द्वारा 2017 में द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावित किए जाने संबंधी दावा ‘भ्रामक’ है.