‘सेनेटाइजर खतरनाक, साबुन का करें उपयोग’, देखें, वायरल मैसेज का Fact Check
Fact Check में इस खबर को पूरी तरह फेक और भ्रामक बताया है. PIB ने ट्वीट कर बताया कि सेनेटाइजर को लेकर जो खबर वायरल हो रही है और जो दावे किये जा रहे हैं कि इसके इस्तेमाल से 'कैंसर और त्वचा रोग होने का खतरा है', पूरी तरह से गलत है और भ्रामक है.
नयी दिल्ली : देश इस समय कोरोना वायरस के कहर से त्रस्त है. रोजाना देश में 10 हजार के करीब कोरोना के नये मामले सामने आ रहे हैं. भारत में COVID19 के कुल मामले 3 लाख के करीब पहुंच चुके हैं और मौतों की संख्या में भी तेजी से इजाफा हो रहा है. कोरोना संकट में स्वास्थ्य विभाग की ओर से हमेशा लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और मास्क लगाने की सलाह दी जा रही है.
इस महामारी के दौरान कोरोना से बचने को लेकर कई सलाह भी दिए जा रहे हैं, तो कई फेक खबरें भी सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं. कई प्रकार की दवाईयों को लेकर भी फेक दावे किये जा रहे हैं. हम ऐसे ही एक दावे की सचाई बताने जा रहे हैं, जो इस कोरोना संकट में तेजी से फैलाये जा रहे हैं.
दरअसल एक खबर सोशल मीडिया में तेजी से फैलाये जा रहे हैं, जिसमें दावा किया जा रहा है कि सेनेटाइजर का प्रयोग करना हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है. खबर में दावा किया जा रहा है कि सेनेटाइजर का प्रयोग लगातार 50 से 60 दिन करने से कैंसर और त्वचा रोग का खतरा बढ़ सकता है. वायरल खबर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन के हवाले से बनायी गयी है और उसमें तसवीर भी डॉ हर्षवर्धन की डाली गयी है.
PIB Fact Check ने दावे को पूरी तरह से ‘फेक’ बताया और सेनेटाइजर को सही और उपयोग के लिए सही बतायाप्रेस इनफार्मेशन ब्यूरो ने Fact Check में इस खबर को पूरी तरह फेक और भ्रामक बताया है. PIB ने ट्वीट कर बताया कि सेनेटाइजर को लेकर जो खबर वायरल हो रही है और जो दावे किये जा रहे हैं कि इसके इस्तेमाल से ‘कैंसर और त्वचा रोग होने का खतरा है’, पूरी तरह से गलत है और भ्रामक है.
PIB ने अपने ट्वीट में बताया कि हैंड सैनिटाइजर के इस्तेमाल से इंसानों को कोई नुकसान नहीं होता है. 70% अल्कोहल की मात्रा वाले हैंड सैनिटाइजर को COVID-19 से सुरक्षा के लिए अनुशंसित किया जाता है.
सोशल मीडिया में भ्रामक खबरों से रहें सावधानकोरोना महामारी के दौर में इस तरह के कई फेक न्यूज सोशल मीडिया में फैलाये जा रहे हैं, जिनसे आज बचने की जरूरत है. सोशल मीडिया में किसी भी मैसेज पर तब तक विश्वास नहीं करना चाहिए जब तक कि उसकी सत्यता की पुष्टि न किया गया हो. हमेशा यह देखा गया है कि ऐसी संकट की घड़ी में सोशल मीडिया में फेक न्यूज या फिर भीड़ को भड़काने वाली सूचनाएं तेजी से फैलायी जाती हैं. ऐसे भ्रामक खबरों से हमेशा सचेत और जागरुक रहने की सलाह प्रभात खबर देता है. आप ऐसी खबरों को दूसरी जगह प्रसारित करने से पहले उसकी सत्यता की पूरी तरह से जांच करे लें, तभी किसे के पास भेजे. ऐसा करने से फेक न्यूज पर ब्रेक लगाया जा सकता है.
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