‘हैलो लोन चाहिए’, नोएडा में बैठकर रांची के लोगों को लगाया चूना, पुलिस ने नौ महिलाओं को पकड़ा

फर्जी बैंक लोन और बीमा पॉलिसी बेचने वाले एक गिरोह में नौ महिलाएं काम करतीं थीं. ये गिरोह नोएडा से चलता था जिसने झारखंड की राजधानी रांची के लोगों को भी निशाना बनाया.

By Amitabh Kumar | July 7, 2024 12:43 PM
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फर्जी बैंक लोन और बीमा पॉलिसी बेचने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया गया है. नोएडा पुलिस ने बताया कि सेक्टर 51 में एक कमरे से गिरोह काम को अंजाम देता था. फर्जी कॉल सेंटर से दिल्ली यूनिवर्सिटी के कॉमर्स के छात्र और 10 अन्य लोगों (जिनमें नौ महिलाएं हैं) को गिरफ्तार किया गया है. रैकेट के पीछे का मास्टर माइंड आशीष कुमार उर्फ ​​अमित है. उसने पुलिस को बताया कि वह बीकॉम है और 2019 से कुछ वर्षों तक सह-आरोपी जितेंद्र कुमार वर्मा उर्फ ​​अभिषेक के साथ पब्लिक सेक्टर के बैंक के लिए जीवन बीमा पॉलिसी बेच रहा था.

नौ महिलाओं को लगाया गया कॉल करने के लिए

डीसीपी (क्राइम) शक्ति अवस्थी ने मामले को लेकर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि दोनों आरोपी ने मिलकर फर्जी कॉल सेंटर का जाल तैयार किया था. वे एनसीआर से बाहर रहने वाले लोगों को फर्जी बीमा और लोन का लालच देते थे. इन्होंने पिछले साल एक ऑनलाइन मार्केटप्लेस से केवल 2,500 रुपये में करीब 10,000 लोगों की निजी जानकारी हासिल की. आरोपियो ने नौ महिलाओं की भर्ती की. उन्हें फर्जी पॉलिसी बेचने या लोन देने के लिए कॉल करने की ट्रेनिंग दी गई. ये महिलाएं कमीशन पर काम करती थीं.

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पैसा कर्नाटक के पंजाब नेशनल बैंक के खाते में जाता था

डीसीपी (क्राइम) ने बताया कि जब कोई व्यक्ति पॉलिसी खरीदने या लोन लेने के लिए सहमत हो जाता था, तो इसके बाद वह भुगतान कर देता था. पैसा कर्नाटक के पंजाब नेशनल बैंक के खाते में ट्रांसफर हो जाता था. यह खाता आशीष के नाम पर था. पुलिस ने पूरे गिरोह को गिरफ्तार कर लिया है. एक ‘ब्लैक डायरी’ बरामद की गई है. फर्जी कॉल सेंटर से अन्य चीजों के अलावा 25 मोबाइल फोन, 81 डेटा शीट, एक रजिस्टर और दो फर्जी आधार कार्ड भी बरामद किए गए.

गिरोह के खिलाफ झारखंड के रांची में भी एक मामला

अवस्थी ने कहा कि पुलिस को गिरोह के खिलाफ झारखंड के रांची में भी एक मामला मिला है. एक खुफिया सूचना के बाद सीआरटी और सेक्टर 49 पुलिस स्टेशन के अधिकारियों द्वारा एक संयुक्त अभियान चलाया गया और ये गिरफ्तारियां की गईं.

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