कुंभ मेले में फर्जी कोविड परीक्षण : प्राथमिकी के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंची मैक्स कॉर्पोरेट, सरकार ने सात सदस्यीय SIT गठित की
Kumbh Mela, Uttarakhand High Court, Max Corporate, SIT : हरिद्वार : उत्तराखंड में कुंभ मेले के दौरान फर्जी कोविड-19 परीक्षण को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से निजी प्रयोगशालाओं पर प्राथमिकी दर्ज किये जाने को चुनौती देते हुए मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज ने शुक्रवार को हाईकोर्ट का रुख किया. वहीं, उत्तराखंड सरकार ने मामले को लेकर सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है.
हरिद्वार : उत्तराखंड में कुंभ मेले के दौरान फर्जी कोविड-19 परीक्षण को लेकर राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन की ओर से निजी प्रयोगशालाओं पर प्राथमिकी दर्ज किये जाने को चुनौती देते हुए मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज ने शुक्रवार को हाईकोर्ट का रुख किया. वहीं, उत्तराखंड सरकार ने मामले को लेकर सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है.
मैक्स कॉरपोरेट सर्विसेज ने कुंभ मेले के दौरान फर्जी कोविड परीक्षण के आरोप में दर्ज प्राथमिकी को चुनौती देते हुए शुक्रवार को उत्तराखंड हाई कोर्ट का रुख किया. कंपनी के अधिवक्ता केएच गुप्ता के मुताबिक, कंपनी ने अदालत से कहा है कि किसी भी फर्जी कोविड परीक्षण में उसकी कोई भूमिका नहीं है. हम जांच में सहयोग को तैयार हैं.
एएनआई की सूचना के मुताबिक, उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार में कुंभ मेले के दौरान कथित फर्जी कोविड-19 परीक्षण की जांच के लिए शुक्रवार को सात सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है. मालूम हो कि उत्तराखंड सरकार ने मैक्स कॉरपोरेट लिमिटेड, लालचंदानी लैब्स और नलवा लैब एजेंसी के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
Uttarakhand government constitutes a 7-member SIT to investigate the alleged fake COVID testing during Kumbh Mela in Haridwar
— ANI (@ANI) June 18, 2021
इससे पहले उत्तराखंड के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने कहा था कि प्रयोगशालाओं को पैनलबद्ध करने की प्रक्रिया में खामी है. मामले की जांच की जानी चाहिए कि क्या उन्हें भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा अनुमोदित किया गया था या नहीं.
कंपनी के अधिवक्ता ने कहा है कि यह एक सेवा प्रदाता कंपनी है. क्योंकि, उसने आईसीएमआर से मान्यताप्राप्त प्रयोगशालाओं नलवा लैबोरेटरीज प्राइवेट लिमिटेड और डॉ लाल चंदानी लैब्स लिमिटेड के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं. इसमें मैक्स कॉर्पोरेट की कोई भूमिका नहीं है. सरकारी आदेश के मुताबिक, इन्हीं दोनों प्रयोगशालाओं के जरिये परीक्षण की सुविधा प्रदान की.