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पारिवारिक पेंशन भुगतान की सीमा 45,000 रुपये से बढ़ाकर 1,25,000 रुपये प्रति माह की गयी

सिंह ने कहा कि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग (डीओपीपीडब्‍ल्‍यू) ने उस राशि के मामले में स्‍पष्‍टीकरण जारी किया है, जिसमें अपने माता या‍ पिता की मृत्‍यु हो जाने पर कोई बच्‍चा फैमिली पेंशन की दो किस्‍तें निकालने का हकदार होता है. उन्होंने कहा कि अब ऐसी दो किस्‍तों की कुल राशि 1.25 लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं हो सकती.

केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने शुक्रवार को कहा कि एक अहम सुधार के तहत पारिवारिक पेंशन भुगतान की सीमा 45 हजार रुपये से बढ़ाकर 1.25 लाख रुपये प्रति माह कर दी गयी है . उन्‍होंने कहा कि इस कदम से दिवंगत हो चुके कर्मचारियों के परिवार के सदस्‍यों का जीवन आसान होगा और उन्‍हें पर्याप्‍त वित्‍तीय सुरक्षा मिलेगी.

सिंह ने कहा कि पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्‍याण विभाग (डीओपीपीडब्‍ल्‍यू) ने उस राशि के मामले में स्‍पष्‍टीकरण जारी किया है, जिसमें अपने माता या‍ पिता की मृत्‍यु हो जाने पर कोई बच्‍चा फैमिली पेंशन की दो किस्‍तें निकालने का हकदार होता है. उन्होंने कहा कि अब ऐसी दो किस्‍तों की कुल राशि 1.25 लाख रुपये से ज्‍यादा नहीं हो सकती.

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यह पिछली सीमा से ढाई गुना अधिक की वृद्धि है. केन्‍द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमन 1972 के अनुसार, यदि पति व पत्‍नी दोनों ही सरकारी सेवा में हैं और इस नियम के तहत आते हैं, तो उनकी मौत की स्थिति में उनका जीवित बच्‍चा अपने माता-पिता की दो फैमिली पेंशन पाने के योग्‍य होगा.

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इससे पहले के निर्देशों में तय किया गया था कि ऐसे मामलों में दो फैमिली पेंशन की कुल राशि 45,000 रुपये प्रतिमाह और 27,000 रुपये प्रतिमाह, यानी क्रमश: 50 प्रतिशत और 30 प्रतिशत की दर से अधिक नहीं होगी. यह दर छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुरूप 90,000 रुपये के अधिकतम वेतन के संदर्भ में तय की गयी थी.

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