नयी दिल्ली : हिंदी के प्रसिद्ध लेखक एवं संपादक प्रेम भारद्वाज का सोमवार की रात अहमदाबाद में ब्रेन हेमरेज से निधन हो गया. वह 55 वर्ष के थे और पिछले साल से की कैंसर से पीडि़त थे. उनकी कोई संतान नहीं है. कुछ साल पहले उनकी पत्नी का भी निधन हो गया था.
बिहार के छपरा जिले के विक्रम कौतुक गांव में प्रेम भारद्वाज का जन्म हुआ था. प्रेम भारद्वाज भवन्ति, पाखी और संडे पोस्ट के संपादक रहे हैं. उनके दो कहानी संग्रह ‘इंतजार पांचवें सपने का’ और ‘फोटो अंकल’ प्रकाशित हुए थे. उनकी कहानियों पर नाटक का मंचन भी किया गया था. विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में उनके संपादकीय काफी चर्चा में रहते थे.
प्रेम भारद्वाज के संपादकीय पर एक पुस्तक ‘हाशिये पर हर्फ’ भी प्रकाशित की गयी थी. उन्होंने हिंदी के बड़े लेखक नामवर सिंह, हंस के संपादक राजेन्द्र यादव, लेखक ज्ञान रंजन और विनोद कुमार शुक्ल पर पाखी के विशेष अंक भी निकाले थे. प्रेम भारद्वाज पिछले 20 वर्षों से दिल्ली में रह रहे थे. बिहार के पटना विश्वविद्यालय से हिंदी में एम ए करने के बाद वह दिल्ली आ गये और यहीं पत्रकारिता करने लगे.