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अनंत सफर पर निकले राहत इंदौरी, ‘मैं मर जाऊं तो मेरी एक अलग पहचान लिख देना’…

Famous Poet, Dr Rahat Indori, Funeral, died due to Coronavirus epidemic, कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दौरान मशहूर शायर राहत इंदौरी की मंगलवार को एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गयी. बाद में उन्हें रात 9.30 बजे इंदौर स्थित छोटी खजरानी कब्रस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 11, 2020 10:51 PM
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इंदौर (मध्यप्रदेश) : कोरोना वायरस संक्रमण के इलाज के दौरान मशहूर शायर राहत इंदौरी की मंगलवार को एक निजी अस्पताल में मृत्यु हो गयी. बाद में उन्हें रात 9.30 बजे इंदौर स्थित छोटी खजरानी कब्रस्तान में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. इसी के साथ मशहूर शायर अब केवल यादों में जिंदा रहेंगे. उनकी एक शायरी बहुत फेमस हुई थी, जिसमें उन्होंने कहा था, मैं मर जाऊं तो मेरी अलग पहचान लिख देना….लहू से मेरी पेशानी पे हिन्दुस्तान लिख देना…..शाखों से टूट जाएं, वो पत्ते नहीं हैं हम…..आंधी से कोई कह दे कि औक़ात में रहे.

राहत साहब के ट्विटर हैंडल से जानकारी दी गयी कि उनको छोटी खजरानी (इंदौर) कब्रस्तान में दफनाया जाएगा. साथ ही यह गुज़ारिश भी की गयी थी कि सभी अपने घरों से ही दुआ करें….

गौरतलब है कि 70 वर्ष के इंदौरी का कोविड-19 से संक्रमित होने के कारण अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) में इलाज के दौरान निधन हो गया. इंदौरी हृदय रोग, किडनी रोग और मधुमेह सरीखी पुरानी बीमारियों से पहले से ही पीड़ित थे.

70 वर्षीय शायर ने मंगलवार सुबह खुद ट्वीट कर अपने संक्रमित होने की जानकारी दी थी. इंदौरी ने अपने ट्वीट में यह भी कहा था, दुआ कीजिये (मैं) जल्द से जल्द इस बीमारी को हरा दूं. सैम्स के छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ रवि डोसी ने बताया, इंदौरी के दोनों फेफड़ों में निमोनिया था और उन्हें गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया था.

उन्होंने बताया, सांस लेने में तकलीफ के चलते उन्हें आईसीयू में रखा गया था और ऑक्सीजन दी जा रही थी, लेकिन तमाम कोशिशों के बावजूद हम उनकी जान नहीं बचा सके. इंदौरी के बेटे और युवा शायर सतलज राहत ने अपने पिता की मौत से पहले मंगलवार सुबह बताया था, कोविड-19 के प्रकोप के कारण मेरे पिता पिछले साढ़े चार महीनों से घर में ही थे. वह केवल अपनी नियमित स्वास्थ्य जांच के लिये घर से बाहर निकल रहे थे.

उन्होंने बताया कि इंदौरी को पिछले पांच दिन से बेचैनी महसूस हो रही थी और डॉक्टरों की सलाह पर जब उनके फेफड़ों का एक्स-रे कराया गया, तो इनमें निमोनिया की पुष्टि हुई थी. बाद में जांच में वह कोरोना वायरस से संक्रमित पाये गये थे.

गौरतलब है कि शायरी की दुनिया में कदम रखने से पहले, इंदौरी एक चित्रकार और उर्दू के प्रोफेसर थे. उन्होंने हिन्दी फिल्मों के लिये गीत भी लिखे थे और दुनिया भर के मंचों पर काव्य पाठ किया था.

Posted By – Arbind Kumar Mishra

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