Farm Bills 2020, Smriti Irani : कृषि विधेयकों के खिलाफ संसद से लेकर सड़क तक सरकार का विरोध हो रहा है. संसद से पारित कृषि संबंधी तीन बिलों को लेकर जहां एक तरफ हरियाणा-पंजाब समेत देश के कई राज्यों के किसान आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं विपक्षी दल इस पर मोदी सरकार को घेर रहे हैं. संसद में कांग्रेस समते तमाम विपक्षी पर्टियों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. कांग्रेस इस बिल का जमकर विरोध कर रही है. इसी बीच राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इस बिल को लेकर राष्ट्रपति से मुलाकात की. विपक्ष के भारी विरोध के बाद केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है.
केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर चिंतित नहीं है. उसे तो चिंता है कि मोदी सरकार ने कृषि सुधार का काम किया है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने 2019 के मेनिफेस्टो में कहा था कि वो APMC एक्ट हटा देंगे. भाजपा ने सदन में भी वचन दिया और कहा कि हम APMC एक्ट को हाथ नहीं लगाएंगे, हम प्रदेश की सरकारों के अधिकारों का हनन नहीं कर रहे, हम किसान को बिचौलियों से आजाद कर रहे हैं . हमारे बिल में 3 प्रमुख बातें हैं, किसान देश के किसी भी गांव, शहर में जाकर किसी भी संगठन या व्यक्ति को अपनी फसल बेच सकता है. रेट किसान तय करेगा. करार में आप किसान की जमीन गिरवी भी नहीं रख सकते. व्यापारी को 3 दिन के अंदर किसान को भुगतान करना होगा.
Also Read: Farm Bills 2020: कृषि बिलों पर बढ़ रहा है विरोध, पंजाब और हरियाणा के किसानों ने लिया ये फैसला
वहीं बता दें कि कृषि विधेयकों के खिलाफ किसानों का विरोध बढ़ता ही जा रहा है. पंजाब और हरियाणा के किसानों ने कृषि विधेयकों के खिलाफ लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. पंजाब और हरियाणा के किसान इसके लिए अब वे 25 सितंबर के बंद का सफल बनाने की रणनीति में जुट गए हैं. सितंबर को कृषि विधेयकों के खिलाफ पंजाब बंद का समर्थन 31 किसान संघ ने किया है. बता दें कि पंजाब में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति की पंजाब इकाई ने बंद का आह्वान किया है.