पांच राज्यों में चुनाव से ठीक पहले कृषि कानून वापस, मोदी का मास्टर स्ट्रोक और विपक्ष ढेर

पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी ने तीन कृषि कानून को वापस लेकर मास्टर स्ट्रोक खेला है. विपक्ष के पास इन चुनावों में ये सबसे बड़े मुद्दों में से एक था. ऐसे में आइए जानते हैं कि इन कानूनों की वापसी से इन राज्यों में कितना प्रभाव पड़ने वाला है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 19, 2021 1:23 PM

पांच राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में होने वाले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीन कृषि कानूनों को वापस ले लिया है. कृषि कानूनों पर विपक्ष, केंद्र को घेरने वाली थी लेकिन अब उनके पास से एक बड़ा मुद्दा छिन गया है. यूपी और पंजाब चुनाव होने वाले हैं और यहां के किसान भारी संख्या में आंदोलनरत थे. ऐसे में तीन कृषि कानूनों को वापस लेकर पीएम मोदी ने बड़ा मास्टर स्ट्रॉक खेला है. इसके साथ ही विपक्ष के पास से एक बड़ा मुद्दा भी छिन गया है.

इन राज्यों में पड़ेगा असर

बता दें कि गोवा, मणिपुर, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. कृषि कानून वापस लेने का असर सबसे ज्यादा यूपी और पंजाब में होने वाले चुनावों देखने को मिलेगा. उत्तराखंड में भी कुछ किसान इसका विरोध कर रहे थे जबकि कुछ किसान इसके समर्थन में भी नजर आए थे. वहीं, गोवा और मणिपुर में इसका उतना असर नहीं था.

पंजाब सबसे ज्यादा प्रभावित

पंजाब में इस कानून के वापस होने का सबसे ज्यादा असर दिखेगा क्योंकि बीजेपी यहां अकेले चुनाव लड़ रही है. यहां के किसान सबसे अधिक प्रदर्शन कर रहे थे और कृषि बिल को वापस लेने की मांग कर रहे थे. गुरु पर्व के अवसर पर लिया गया ये फैसला यहां कि जनता के राहत लेकर आया है. बता दें कि यहां कांग्रेस का अंर्तकलह जगजाहिर है. जिससे अब कांग्रेस के पास मुद्दों की कमी हो सकती है.

सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में असर

यूपी में बीजेपी सत्ता में है और यहां के क्षेत्रीय दलों ने किसानों के मुद्दे को बड़ा मुद्दा बनाया था. लखनऊ से सटे बाराबंकी, सीतापुर और रायबरेली के अलावा पश्चिमी यूपी में किसानों ने सड़कों पर उतरकर इस बिल का विरोध किया था. यहां दिल्ली यूपी के गाजीपुर बार्डर पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैट किसान आंदोलन की अगुवाई कर रहे थे.

उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में कितना असर

वहीं, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर ऐसे राज्य हैं जहां विधानसभा चुनाव होने वाले हैं लेकिन इन राज्यों में कृषि कानून को लेकर उतना बड़ा आंदोलन देखने को नहीं मिला. उत्तराखंड में कुछ किसान इस बिल का पूर्ण समर्थन कर रहे थे तो कुछ इसके विरोध में थे.

Next Article

Exit mobile version