Farm Laws: पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार (19 नवंबर) को बड़ा एलान करते हुए किसानों के हक में ऐतिहासिक फैसला लिया. सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया. ऐसे में देश भर में आंदोलन कर रहे किसान जश्न मना रहे हैं. आपको बता दें कि कृषि कानून वापस लिए जाने से पहले सरकार ने कई बार किसानों को मनाने की कोशिश की लेकिन बात नहीं बन पाई. हम आपको बताते हैं कि सरकार ने कब क्या प्रयास किए और कैसे इस फैसले तक पहुंचा.
17 सितंबर 2020 में बिल हुआ पारित
कृषि कानून बिल लोकसभा में पेश किया गया जो 17 सितंबर 2020 को पारित हुआ. इसके बाद देशभर में किसानों ने इसका विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया. जिसके बाद आंदोलन लगातार जारी रहा.
3 नवंबर 2020 को देशव्यापी प्रदर्शन
किसानों ने 3 नवंबर को देशव्यापी सड़क नाकेबंदी का एलान किया. 26 नवंबर तक किसानों के गुट दिल्ली की तरफ बढ़े तो हरियाणा के अंबाला में उन्हें तितर बितर करने की कोशिश की गई. इसके बाद पुलिस दिल्ली निरंकरी मैदान में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दे दी.
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कृषि मंत्री से वार्ता असफल
1 दिसंबर 2020 को केंद्र सरकार ने एक कमेटी बनाने का प्रस्ताव दिया लेकिन 35 किसान संगठनों ने इसे स्वीकार नहीं किया. किसान संगठनों और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर के बीच ये वार्ता बेनतीजा रही. 8 दिसंबर 2020 को किसानों ने भारत बंद का आह्वान किया. इसका सबसे ज्यादा असर पंजाब और हरियाणा में दिखा. किसानों के भारत बंद को अधिकतर विपक्षी दलों ने सर्थन दिया.
16 दिसंबर को बॉर्डर बंद होने की वजह से यात्रियों की परेशानी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. मसले की सुलझाने के लिए कमेटी गठित करने का सुझाव दिया गया. हालांकि अदालत ने किसानों के अहिसंक विरोध प्रदर्शन के अधिकार को स्वीकार किया.
26 जनवरी 2021 दिल्ली में ट्रैक्टर परेड
26 जनवरी 2021 को 11वें दौर की वार्ता में किसान अपनी मांग से पीछे हटने को तैयार नहीं हुए तो सरकार ने सख्त रवैया अपनाया. दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने ट्रैक्टर परेड निकाली इस दौरान आंदोलनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई.
6 मार्च 2021 को दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के प्रदर्शन को 100 दिन पूरे हुए. जुलाई में 200 से अधिक किसानों ने तीन कृषि कानूनों की निंदा करते हुए संसद भवन के पास किसान संसद की तरह ही मॉनसून सत्र शुरू की. आखिरकार 19 नवंबर गुरु पर्व और कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का एलान किया.