कृषि कानून के विरोध के कारण पंजाब में मालगाड़ी का परिचालन ठप, गहराया बिजली संकट
पंजाब में किसान संगठनों (Farm laws 2020) की ढ़ील के बावजूद माल ट्रेनों (goods Trains operation) संचालन फिलहाल ठप रहने की ही उम्मीद है. मालगाड़ी का संचालन ठप होने के कारण माल की ढुलाई नहीं हो रही है. मालों की ढुलाई नहीं होने से पावर प्लांट बंदी के कगार पर हैं और गहरा बिजली संकट पैदा हो गया है. किसानों को खाद का संकट झेलना पड़ रहा है. जरूरी सेवाओं पर भी इसका खासा पड़ा है. महंगाई भी बढ़ रही है.
पंजाब में किसान संगठनों की ढ़ील के बावजूद माल ट्रेनों का संचालन फिलहाल ठप रहने की ही उम्मदी है. मालगाड़ी का संचालन ठप होने के कारण माल की ढुलाई नहीं हो रही है. मालों की ढुलाई नहीं होने से पावर प्लांट बंदी के कगार पर हैं और गहरा बिजली संकट पैदा हो गया है. किसानों को खाद का संकट झेलना पड़ रहा है. जरूरी सेवाओं पर भी इसका खासा पड़ा है. महंगाई भी बढ़ रही है.
गौरतलब है कि केंद्र के कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न किसान संगठनों ने रेल रोको आंदोलन शुरू किया था, जो अब तक जारी है. इसके कारण पैदा हुआ संकट अबतक नहीं सुलझ पाया है. इसे देखते हुए रेल डिवीजन फिरोजपुर ने 29 अक्तूबर तक मालगाड़ियों की सेवाएं बंद कर दी हैं. मंडल रेल प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने कहा कि उन्हें ट्रेनें चलाने के लिए ट्रैक बिल्कुल साफ चाहिए. जब चाहें किसान ट्रैक पर धरना देना शुरू कर देते हैं और इस तरह से ट्रेनें नहीं चलाई जा सकती हैं.
जब तक स्थिति पूर्णरूप से बहाल नहीं होती तब तक पंजाब से किसी भी मालगाड़ी का परिचालन नहीं किया जाएगा. हालांकि किसान संगठनों ने सिर्फ माल ट्रेनों को चलाने की छूट दी थी. डीआरएम ने कहा कि ट्रेन चलाने के नियम होते हैं. जिस ट्रैक से ट्रेन गुजरती है, उस सेक्शन के स्टेशनों पर उपलब्ध स्टाफ से फिरोजपुर कंट्रोल के अधिकारियों का संपर्क होता है.
ट्रेन पायलट सिग्नल के जरिए ट्रेन चलाता है. कहीं भी ट्रेन रोक लें, ऐसा नियम रेलवे में नहीं होता है. जब तक ट्रैक क्लीयर नहीं होगा, मालगाड़ियां ट्रैक पर नहीं दौड़ सकेंगी. उल्लेखनीय है कि 24 सितंबर से किसान संगठनों के आंदोलन शुरू करने के कारण रेल सेवाएं बंद कर दी गई थीं.
21 अक्तूबर को किसान संगठनों द्वारा मालगाड़ी सेवा बहाल करने के लिए रेल ट्रैक छोड़ने की घोषणा की गई। 22-23 अक्तूबर को अंबाला और फिरोजपुर डिवीजन में कुल 173 मालगाड़ियों का आवागमन किया. इन दो दिनों के दौरान रोमाना अलबेल सिंह में एक खाली रैक को रोका गया जिसे वापस लाना पड़ा. इसी तरह कुछ अन्य मालगाड़ियां भी रोकी गईं. उधर, किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के महासचिव सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसानों ने सभी रेल पटरियों से धरना उठा दिया है. केंद्र सरकार खुद ही मालगाड़ियां नहीं चलाना चाहती है.
Posted By: Pawan Singh