कृषि कानून को लेकर SAD ने पंजाब सरकार के खिलाफ किया विरोध, AAP ने भी साधा निशाना
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) ने पंजाब विधानसभा सत्र (Punjab Assembly Secession) से पहले पंजाब सरकार (Punjab Government) के खिलाफ ट्रैक्टर पर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध को लेकर शिअद के नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा कि पंजाब सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ पहले के प्रस्तावों को केंद्र सरकार के पास नहीं भेजा है. क्योंकि केंद्र के साथ उनकी मिलीभगत है. वे केंद्र के साथ एक निश्चित मैच खेल रहे हैं. "
पंजाब में शिरोमणि अकाली दल ने पंजाब विधानसभा सत्र से पहले पंजाब सरकार के खिलाफ ट्रैक्टर पर विरोध प्रदर्शन किया. विरोध को लेकर शिअद के नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा कि पंजाब सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ पहले के प्रस्तावों को केंद्र सरकार के पास नहीं भेजा है. क्योंकि केंद्र के साथ उनकी मिलीभगत है. वे केंद्र के साथ एक निश्चित मैच खेल रहे हैं. “
वहीं दूसरी तरफ आप विधायकों ने भी पंजाब के चंडीगढ़ में पंजाब सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. AAP विधायकों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए मांग की कि राज्य विधानसभा हाल ही में कृषि कानून के खिलाफ बनाए गए प्रस्ताव को पारित करे. AAP विधायक हरपाल सिंह चीमा कहते हैं, “पंजाब सरकार इन काले कानूनों के पक्ष में है. AAP उजागर करेगी कि वे केंद्र के साथ कैसे तालमेल बिठा रहे हैं.”
गौरतलब है कि नये कृषि कानून के विरोध में राजग में शामिल रही शिरोमणि अकाली दल की की नेता और सरकार में मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने इस्तीफा दे दिया था. इस्तीफा सौंपने के बाद उन्होंने कहा था कि मुझे अपने त्यागपत्र से कुछ नहीं मिला, मेरा सिर्फ नुकसान हुआ है लेकिन इस वजह से किसानों का मुद्दा केंद्र में आ गया. संसद सत्र को छोटा कर दिया गया क्योंकि देशभर में किसानों ने किसान बिल पर विरोध शुरू कर दिया.
वहीं इस कानून के विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पंजाब में आयोजित ट्रैक्टर रैली में शामिल हुए थे. उन्होंने कहा था कि जिस दिन कांग्रेस सत्ता में आयी हम इन तीनों काले कानूनों को हटा देंगे और इन्हें कूड़ेदान में फेंक देंगे. उन्होंने कहा कि आखिर जरूरत क्या थी इस इन कानूनों की? अगर आप इन्हें लागू करना ही चाहते थे, तो इनपर सदन में चर्चा क्यों नहीं हुई? पीएम मोदी कहते हैं कि यह कानूनों किसानों के लिए तो फिर इसपर खुलेतौर पर चर्चा क्यों नहीं हुई?.
उल्लेखनीय है कि नये कृषि कानूनों का पंजाब के किसान विरोध कर रहे हैं. किसानों को आशंका है कि केंद्र द्वारा किए जा रहे कृषि सुधार से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को समाप्त करने का रास्ता साफ होगा और वे बड़ी कंपनियों की ‘दया’ पर आश्रित रह जाएंगे. हालांकि, सरकार का कहना है कि एमएसपी प्रणाली में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
Posted By: Pawan Singh