देशभर में किसानों के आंदोलन के बीच मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानून वापस लेने का फैसला किया है. इस संबध में आज मोदी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. वहीं अब यह कानून संसद में रद्द करने के लिए पेश किया जाएगा. इसके बाद दोनों सदनों से पास कराकर राष्ट्रपति के पास भेज दिया जाएगा.
जानकारी के मुताबिक मोदी कैबिनेट की बैठक खत्म हो गई है. मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरकार की ओर से कानून वापस लेने कै फैसले को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है. हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. अब यह बिल संसद में पेश किया जाएगा.
एक साल से आंदोलन कर रहे किसान- बता दें कि कृषि कानून लागू होने के बाद देश भर में किसान करीब एक साल से दिल्ली बॉर्डर पर आन्दोलन कर रहे हैं. आंदोलन के साथ-साथ किसान पूरे देश में महापंचायत भी कर रहे हैं. वहीं आंदोलन को देखते हुए पीएम मोदी ने कानून वापस लेने का ऐलान किया था.
पीएम मोदी ने कानून रद्द करने की घोषणा करते हुए कहा कि हम लोगों को समझा नहीं पाएं. इसलिए यह कानून वापस लिया जाता है. उन्होंने कहा कि इस संसद सत्र में यह कानून वापस ले लिया जाएगा. हालांकि कृषि कानून वापसी को राजनीतिक गलियारों में चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है.
वहीं सरकार के फैसले के बाद किसान संगठनों की ओर से कहा गया कि जब तक सभी मांगें नहीं मान ली जाती है, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा. संयुक्त किसान मोर्चा ने बयान जारी कर कहा कि हमारी कुल छह मांगें हैं, जिसपर सरकार विचार करें. मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार 26 जनवरी तक सभी मांगों को मान लेती है, तो हम खुशी से चले जाएंगे.